Friday, October 18, 2024
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सीएए विरोधी प्रदर्शन को पूरे देश में फैलाने के लिए बेताब था शरजील इमाम: दिल्ली पुलिस ने दाखिल की नई चार्जशीट

आरोप-पत्र में बताया गया है कि शरजील इमाम और उसके समूह ने विभिन्न मस्जिदों की पहचान की थी और सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की आड़ में बड़ी संख्या में संप्रदाय विशेष के लोगों को जुटाने के लिए कुछ लोगों को इन मस्जिदों में पर्चे बाँटने का काम सौंपा था।

इस्लामी कट्टरपंथी शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने नई चार्जशीट दाखिल की है। इसमें दिल्ली पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इसमें कहा गया है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) विरोधी प्रदर्शन को पूरे देश में फैलाने के लिए बेताब था।

आरोप-पत्र में कहा गया है कि इमाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों में से एक के संपर्क में था, जिसने उसे पीएफआई के सदस्य के रूप में विरोध करने का सुझाव दिया था। आरोप पत्र में कहा गया है, “आरोपित उस स्तर पर विरोध-प्रदर्शन को ले जाने के लिए बहुत बेताब था, जहाँ प्रदर्शनकारियों के सरगनाओं ने भीड़ को अपने हाथ में ले लिया था।”

इसमें आगे कहा गया कि इमाम ने न सिर्फ समुदाय के लोगों को जुटाया, बल्कि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में ‘चक्का जाम’ कराने की भी कोशिश की। शरजील इमाम के बयानों और उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड के विश्लेषण से यह पता चला कि उसने सीलमपुर और खुरेजी में प्रदर्शन स्थलों का दौरा किया था।

इस बात की पुष्टि व्हाट्सएप चैट के माध्यम से भी हुई। आरोप-पत्र में बताया गया है कि स्थानीय मस्जिदों के इमामों की मदद लेकर उत्तर-पूर्व जिले में गलत सूचना फैलाने में कथित रूप से उसका हाथ था। इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि शरजील इमाम और उसके समूह ने विभिन्न मस्जिदों की पहचान की थी और सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की आड़ में बड़ी संख्या में संप्रदाय विशेष के लोगों को जुटाने के लिए कुछ लोगों को इन मस्जिदों में पर्चे बाँटने का काम सौंपा था।

ताजा आरोप-पत्र गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ देश विरोधी भाषण देने से संबंधित मामले में दाखिल किया गया है। आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह), 153 (ए) (शत्रुता को बढ़ावा देना), 153 (बी) (राष्ट्रीय अखंडता के प्रति हानिकारक अभिकथन), 505 (अफवाहें फैलाना) और गैर कानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले UAPA के तहत गिरफ्तार जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा ने पुलिस पूछताछ के दौरान कुछ बड़े खुलासे करते हुए बताया था कि किस तरह से नागरिकता कानून (CAA) और NRC के विरोध के नाम पर उन्होंने लोगों को भड़काने के साथ बसों और घरों को जलाया था। आसिफ इकबाल तन्हा ने कहा कि वो देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता था और इसीलिए हिंदुओं को तंग कर धार्मिक भावनाएँ आहत करने की साज़िश रची।

आरोपित आसिफ इकबाल ने पुलिस को दिए बयान में बताया था, “12 दिसंबर को हम 2500-3000 लोग जामिया यूनिवर्सिटी के गेट नम्बर 7 पर मार्च कर रहे थे, उसके बाद 13 दिसंबर को शरजील इमाम भड़काऊ भाषण देते हुए चक्का जाम करने की बात कहता है। मैंने खुद लोगों को उकसाया। जामिया मेट्रो से पार्लियामेंट तक मार्च की कॉल दी, जिसमें कई संगठन हमें समर्थन देते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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