Sunday, September 8, 2024
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समस्तीपुर में गोभी की फसल पर हल चलाने वाले किसान को नए कृषि कानून से मिला 10 गुना भाव: जानिए कैसे हुआ संभव

यही नए कृषि कानून का फायदा है। केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून के जरिए किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है। बिहार के इस किसान को स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, लेकिन नए कृषि कानून के तहत ही.....

अपनी गोभी की फसल का कौड़ी का भाव मिलने के कारण खेत में हल चलवा कर फसल खत्म करने वाले बिहार के समस्तीपुर के किसान को सही भाव मिल गया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गोभी किसान का हाल जानने के बाद पहल की। अब उनकी गोभी 10 रुपए प्रति किलो बिक गई है। रविशंकर प्रसाद का कहना है कि यही नए कृषि कानून का फायदा है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, समस्तीपुर के मक्तापुर गाँव के किसान की कहानी पूरे देश में मीडिया की सुर्खियाँ बन गई थी। ओम प्रकाश यादव नाम के इस किसान का कहना था कि उन्हें गोभी की फसल का कौड़ी के बराबर भाव मिल रहा है। उनकी गोभी सिर्फ एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। ऐसे में गोभी काट कर बेचने से ज्यादा बेहतर है उसे खेत में ही नष्ट कर देना। किसान ने गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था।

रविशंकर प्रसाद ने की पहल

समस्तीपुर के किसान की दुर्दशा की कहानी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी पढ़ी। रविशंकर ने बुधवार (दिसंबर 16, 2020) को एक साथ कई ट्वीट कर किसान की मदद की पूरी कहानी बताई। रविशंकर प्रसाद के मुताबिक उन्हें मीडिया से खबर मिली थी कि बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गाँव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय आढ़त में मात्र एक रुपया प्रति किलो भाव मिल रहा था। निराश हो कर उन्होंने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया।

दस रुपए किलो का मिला भाव

रविशंकर प्रसाद ने बताया है कि खबर पढ़ने के बाद उन्होंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि वे किसान से संपर्क साधें और उनकी फसल को देश के दूसरे राज्य में सही दाम पर बेचने का बंदोबस्त करें। सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटिल प्लेटफार्म बना रखा है। इसी प्लेटफार्म पर दिल्ली के एक खरीददार ने किसान की गोभी 10 रुपए प्रति किलो खरीदने का ऑफर दिया।

किसान ओम प्रकाश यादव ने दस रुपए किलो के हिसाब से अपनी गोभी बेचने पर सहमति जताई। रविशंकर प्रसाद ने बताया कि किसान और खरीदार की आपसी सहमति के बाद कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई। उन्हें पता चला है कि खरीददार ने न सिर्फ ट्रांसपोर्ट उपलब्ध करवाया बल्कि बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा कर दी है। समस्तीपुर के मुक्तापुर गाँव से गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है।

नए कृषि कानून का फायदा

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यही नए कृषि कानून का फायदा है। केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून के जरिए किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है। बिहार के इस किसान को स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, लेकिन नए कृषि कानून के तहत ही वह स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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