Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिखुदीराम बोस के गाँव पहुँचे अमित शाह, परिजनों ने कहा- इतना सम्मान कभी नहीं...

खुदीराम बोस के गाँव पहुँचे अमित शाह, परिजनों ने कहा- इतना सम्मान कभी नहीं मिला

"यह मेरा सौभाग्य है कि मैं महान स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के घर की मिट्टी को अपने माथे से स्पर्श कर पाया। वह खुशी-खुशी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए बलिदान देने के लिए फाँसी पर चढ़ गए।"

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के दौरे पर कोलकाता पहुँचे है। उन्‍होंने सबसे पहले कोलकाता में स्वामी विवेकानंद के पैतृक घर जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद वह पश्चिम मिदनापुर में खुदीराम बोस के पैतृक गाँव गए और पुष्पांजलि अर्पित की।

अमित शाह ने यहाँ पर खुदीराम बोस के परिवार के सदस्यों के साथ मुलाकात की और उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं महान स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के घर की मिट्टी को अपने माथे से स्पर्श कर पाया। वह खुशी-खुशी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए बलिदान देने के लिए फाँसी पर चढ़ गए।”

खुदीराम बोस के परिजन इससे बेहद खुश नजर आए। उनके परिवार के सदस्य गोपाल बसु ने कहा, “बीजेपी ने हमें थोड़ी श्रद्धा दी है। किसी भी पिछली सरकार ने हमें इस तरह का सम्मान नहीं दिया। तृणमूल कॉन्ग्रेस ने भी नहीं।”

इससे पहले गोपाल बसु ने कहा था, “मैं अमित शाह से कहूँगा कि खुदीराम बोस की जन्मस्थली में कोई विकास नहीं हुआ है। हम केवल युवाओं को रोजगार चाहते हैं।”

रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अमित शाह ने कहा, “आज मेरे लिए सौभाग्य और आनंद का विषय है कि मैं उस जगह पर आया हूँ जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतना जागृत करने की जगह है। स्वामी जी वो शख्सियत थे जिन्होंने आधुनिकता और अध्यात्म को जोड़ने का काम किया। मैं यहाँ से नई चेतना प्राप्त करके जा रहा हूँ।” उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने जो मार्ग दिखाया है उससे न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व समृद्धि के रास्ते पर अग्रसर होगा।

इस दौरे में अमित शाह जहाँ जनता से संवाद करेंगे वहीं टीएमसी के असंतुष्ट कई नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की भी अटकलें हैं। इनमें पूर्व मंत्री व विधायक शुभेंदु अधिकारी का नाम भी शामिल है। अमित शाह का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस बगावत के दौर से गुजर रही है। 

शाह के दौरे से पहले टीएमसी में इस्तीफे का दौर चल रहा है। ममता के खास और पूर्व परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। विधायकी छोड़ने के एक दिन बाद शुभेंदु ने तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। मगर पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसी के साथ ही टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हालाँकि, उन्होंने जल्द ही माफी माँगकर पार्टी में वापसी कर ली।

इसके अलावा बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्ता और कंथी उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बनाश्री मैती ने भी अपना इस्तीफा दे दिया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि तृणमूल कॉन्ग्रेस और राज्य मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का पद छोड़ने वाले प्रभावशाली नेता सुवेंदु अधिकारी, शीलभद्र दत्ता समेत तृणमूल कॉन्ग्रेस के ये असंतुष्ट नेता शाह के बंगाल दौरे के दौरान बीजेपी में शामिल होंगे। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे अपने 10,000 कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा का दामन थामेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -