उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए एंटी लव जिहाद कानून का समर्थन करते हुए आज केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्वभाविक शादी होने में और जबरन धर्म परिवर्तन करवाने में बहुत फर्क होता है। उन्होंने इस बातचीत में स्पष्ट कहा कि वो शादी के लिए धर्म परिवर्तन का समर्थन नहीं करते।
राजनाथ सिंह से जब पूछा गया कि इस कानून के कारण लड़कियाँ अपनी इच्छा से शादी नहीं कर पाएँगी तो उन्होंने जवाब में कहा, “हमारा पूछना हैं कि धर्मांतरण की जरूरत ही क्यों है। सामूहिक धर्मांतरण का प्रयास रुकना चाहिए। जहाँ तक मेरी जानकारी है, हो सकता है उसमें कोई कमी हो, लेकिन शायद मुस्लिम धर्म में कोई भी दूसरे धर्म में शादी कर सकता है। शादी करने के लिए कंवर्जन कराना मैं समझता हूँ कि इसे मैं व्यक्तिगत रूप से उचित नहीं मानता हूँ।”
In many cases, it has been seen that religious conversion is being done forcefully. There is a huge difference between natural marriage and forceful conversion for marriage. I think governments which made these laws, have considered all these things: Rajnath Singh, Defence Min https://t.co/csh3T7d8uX
— ANI (@ANI) December 30, 2020
आगे एंटी लव जिहाद कानून का समर्थन करते हुए वह कहते हैं, “कई बार देखा गया है कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जाता है जबकि कई बार लालच देकर भी धर्मांतरण कराया जाता है। स्वभाविक विवाह और शादी के लिए जबरन धर्मांतरण में बड़ा फर्क है। मैं सोचता हूँ कि सरकार ने इन सब बातों को ध्यान में रखकर लव जिहाद कानून बनाया है।”
रक्षा मंत्री ने बातचीत के दौरान कहा, “मेरा विश्वास है कि एक सच्चा हिंदू कभी भी जाति, धर्म और संप्रदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। हमारे धार्मिक ग्रंथ भी इसकी इजाजत नहीं देते। भारत इकलौता ऐसा देश है जिसने वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया।”
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले योगी सरकार ने लव जिहाद को लेकर सख्त कानून बनाया था जिसके तहत ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद) के मामलों में दोषी पाए जाने पर जेल की सजा होने का प्रावधान था। सरकार के इस फैसले में लिखा था कि दूसरे धर्म में शादी करने के लिए संबंधित जिले के जिलाधिकारी से इजाजत लेना अनिवार्य होगा।
इसके लिए शादी से पहले 2 माह की नोटिस देना होगा। बिना अनुमति लिए शादी करने या धर्म परिवर्तन करने पर 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सजा के साथ 10 हजार का जुर्माना भी देना पड़ेगा। इसके अलावा सामूहिक रूप से गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर जहाँ 10 साल तक सजा हो सकती है, वहीं 50 हजार तक जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
योगी सरकार के बाद मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने भी इस कानून की पृष्ठभूमि तैयार की। शिवराज सरकार ने साफ कहा है कि जबरन धर्मांतरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कानून के तहत आरोपितों को उनकी करतूत की सख्त सज़ा मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि हम गलत इरादों से धर्मांतरण नहीं होने देंगे।