Tuesday, November 26, 2024
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Tooter CEO ने PM मोदी सहित अन्य नेताओं के फर्जी वैरिफाइड अकाउंट खोल कर BJP पर ही लगाया बदनाम करने का आरोप

हालाँकि तीन ट्वीट में, नंदा ने इस बात की कोई व्याख्या नहीं की कि टूटर सरकारी अधिकारियों, पार्टी के अधिकारियों और यहाँ तक कि पीएमओ और पीएम मोदी के अनधिकृत खातों को क्यों खोल रखा है।

टूटर (Tooter) नामक एक भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को लेकर जारी बहस के बीच इसके CEO ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। हालाँकि, वो काफी सुसंगत नहीं लगता। पिछले दिनों यह आरोप लगा था कि टूटर ने पीएम मोदी, पीएमओ और अमित शाह समेत अन्य मंत्रियों के वेरिफाइड अकाउंट खुद ही बनाए हैं और पीएम मोदी टूटर पर नहीं हैं। अब सीईओ ने बीजेपी आईटी सेल अमित मालवीय पर टूटर को ‘बदनाम’ करने का आरोप लगाया है।

बता दें कि पीएम मोदी के टूटर पर होने की अफवाह के फैलते ही भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने 11 जनवरी को ट्विटर के माध्यम से यह जानकारी दी थी कि ना ही पीएम मोदी, ना ही गृह मंत्री अमित शाह और किसी भाजपा नेता ने टूटर पर अकाउंट बनाए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि अमित शाह, भाजपा, इसकी राज्य इकाइयाँ, जेपी नड्डा आदि, जिनका भी टूटर पर आधिकारिक अकाउंट दिखा रहा है, उनका भी इस प्लेटफॉर्म पर अकाउंट नहीं है।

इस ट्वीट का जवाब देते हुए, टूटर के सीईओ, श्री नंदा, ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर ‘रिसर्च’ करने में 24 घंटे का समय लिया और फिर 3 ट्वीट में इसका जवाब दिया।

ऐसे में जब सब इसका इंतजार कर रहे थे कि सीईओ माफी माँगेंगे और नहीं तो कम से कम कई नेताओं के अनधिकृत अकाउंट के खोले जाने पर विवरण देंगे। मगर इसके विपरीत उन्होंने अमित मालवीय के ट्वीट को ‘लापरवाह, भ्रामक और गलत’ बताया। इतना ही नहीं, उन्होंने अमित मालवीय से ट्वीट भी डिलीट करने के लिए कहा।

अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में नंदा ने कहा कि अमित मालवीय ने यह कहकर कि पीएम मोदी टूटर पर नहीं है, उनका ‘आधिकारिक अकाउंट’ अनधिकृत है, उन्होंने प्रधानमंत्री को आहत किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि पीएम मोदी ‘आत्मनिर्भर भारत’ को प्रमोट करते हैं और उनका कहना है कि वो स्वदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लेकर आए हैं।

हालाँकि तीन ट्वीट में, नंदा ने इस बात की कोई व्याख्या नहीं की कि टूटर सरकारी अधिकारियों, पार्टी के अधिकारियों और यहाँ तक कि पीएमओ और पीएम मोदी के अनधिकृत खातों को क्यों खोल रखा है। यह वास्तव में विचित्र कदम है क्योंकि ऐसे में इन प्रभावशाली लोगों के नाम पर किसी भी तरह का ट्वीट किया जा सकता है, जो कि खतरनाक हो सकता है। 

इससे पहले हमने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि टूटर ने पीएम मोदी और अन्य मंत्रियों के वेरिफाइड अकाउंट खुद ही बनाए हैं और पीएम मोदी टूटर पर नहीं हैं। हमने पाया था कि शायद टूटर किसी तकनीक के जरिए पीएम मोदी द्वारा किए गए ट्वीट्स को स्वयं ही ‘टूट’ कर पोस्ट करता है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब आर वैद्य ने टूटर के सीईओ नंदा से पूछा था कि उनका टूटर पर एक वेरिफाइड अकाउंट कैसे है और लोग उन्हें खुद ही कैसे फ़ॉलो कर रहे हैं, जबकि उन्होंने कभी अपना अकाउंट टूटर पर बनाया ही नहीं। इस पर नंदा ने उन्हें ‘द्रोणाचार्य’ बताते हुए अस्पष्ट तरीके से जवाब दिया और उनसे इनबॉक्स में संदेश शेयर करने की अपील की। हालाँकि सीईओ के मुताबिक इस मुद्दे के बारे में बोलना उसे ‘बदनाम’ करना है।

आखिर ‘टूटर’ है क्या?

‘टूटर’ द्वारा ‘हमारे बारे में/अबाउट अस’ सेक्शन में दी गई जानकारी के अनुसार, “हमारा मानना ​​है कि भारत में एक स्वदेशी सोशल मीडिया नेटवर्क होना चाहिए। इसके बिना हम अमेरिकी ट्विटर इंडिया कंपनी की सिर्फ एक डिजिटल कॉलोनी हैं, और यह किसी भी तरह से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन होने से अलग नहीं है। टूटर हमारा स्वदेशी आंदोलन 2.0 है। इस आंदोलन में हमसे जुड़ें। हमसे जुड़ें!”

दिलचस्प बात यह है कि जिस समय कोई व्यक्ति टूटर से जुड़ता है, उन्हें स्वतः ही टूटर पर मौजूद तीन अकाउंट्स को फ़ॉलो करना होता है – टूटर के सीईओ, आर वैद्य और एक ’न्यूज’ नाम का अकाउंट।

वास्तव में, ‘टर्म्स ऑफ़ सर्विस’ में उल्लेख किया गया है कि वेबसाइट से संबंधित मामलों में, किसी भी विवाद या दावों को अमेरिका के राज्य पेंसिल्वेनिया के आंतरिक कानूनों के अनुसार नियंत्रित किया जाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि जब ‘टूटर’ लॉन्च किया गया था, तो उन्होंने किसी अन्य वेबसाइट से अपने नियमों और शर्तों को कॉपी किया होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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