Sunday, September 8, 2024
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दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा पर FIR दर्ज, नाम उछलते ही गायब हुए पंजाबी अभिनेता सिद्धू

मालवा यूथ फेडरेशन के प्रमुख लक्खा सिधाना, जो गाँवों में सामाजिक कल्याण के काम करने का दावा भी करता है, पर पंजाब में 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे अपराध शामिल हैं।

26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में हुई हिंसा के संबंध में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू (Deep Sidhu) और गैंगस्टर लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गणतंत्र दिवस के दिन हुए उपद्रव में दोनों की भूमिका को लेकर जाँच भी जारी है।

दिल्ली पुलिस ने बुधवार (जनवरी 27, 2021) शाम प्रेस वार्ता में बताया कि इस मामले में पुलिस ने अब तक 25 से ज्यादा केस दर्ज किए और अब तक 19 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि 50 लोग हिरासत में हैं।

समाचार पत्र ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल किले में हुई हिंसा और उपद्रव में नाम उछलने के बाद पंजाबी कलाकार और कार्यकर्ता दीप सिद्धू गायब हो गए हैं। दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड की घटना के 2 दिन पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर लक्खा सिधाना दिल्ली पहुँचे थे और बताया जा रहा है कि सिंघु बॉर्डर पर रेड लाइट पर बैठे किसानों के बीच लक्खा ने भड़काऊ भाषण भी दिया था।

मालवा यूथ फेडरेशन के प्रमुख लक्खा सिधाना, जो गाँवों में सामाजिक कल्याण के काम करने का दावा भी करता है, पर पंजाब में 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे अपराध शामिल हैं। यही नहीं, लक्खा पर आर्म्स एक्ट के मामले भी दर्ज हो चुके हैं और इसके लिए वो कई साल की सजा भी काट चुका है। पंजाब के बठिंडा के सिधाना गाँव के मूल निवासी लखबीर सिंह सिधाना उर्फ ​​लक्खा सिधाना ने सरकार और पुलिस पर ही किसानों के आंदोलन के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्होंने हमेशा शांति का आह्वान किया।

किसान नेता और कॉन्ग्रेस कर रहे हैं दीप सिद्धू से किनारा

दंगाई किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित लाल क़िले पर किए गए उत्पात के बीच दीप सिद्धू (Deep Siddhu) का नाम चर्चा में बना हुआ है। दरअसल, मंगलवार (जनवरी 26, 2021) के दिन जब लाल किले पर दंगाइयों ने काले-हरे-पीले झंडों को फ़हराया, तब दीप सिद्धू वहाँ मौजूद थे और वीडियो बना रहे थे।

इससे पहले, सिद्धू के किसान आंदोलन के शुरू होने के दौरान सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहे। दीप सिद्धू को तब लिबरल वर्ग द्वारा भी बड़े स्तर पर सराहा जा रहा था और उन्हें एक नायक की तरह पेश किया जाता रहा। लेकिन गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले में जो कुछ हुआ, उसके बाद से कॉन्ग्रेस दीप सिद्धू से किनारा करने की कोशिश कर रही है।

वास्तव में, किसान नेताओं से लेकर सोशल मीडिया का लिबरल गिरोह भी इस घटना के लिए अब दीप सिद्धू पर निशाना साधते हुए इस घटना के लिए सिर्फ उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह सब इसलिए क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से सनी देओल को लोकसभा हल्का गुरदासपुर से चुनाव मैदान में उतारा गया और तब सनी देओल के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों में से दीप सिद्धू भी एक थे।

यही वजह है कि दीप सिद्धू का नाम अब विरोधियों द्वारा लगातार सनी देओल के साथ जोड़ा जा रहा है। जब नए कृषि कानूनों का विरोध जोर पकड़ ही रहा था, तब दीप सिद्धू भी इसका हिस्सा बन गए। लेकिन भाजपा नेता सनी देओल ने 6 दिसंबर को ही यह घोषणा कर दी थी कि उनका या उनके परिवार का अब दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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