Friday, November 15, 2024
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‘मराठा नहीं, कन्नड़ थे छत्रपति शिवाजी महाराज, उद्धव ठाकरे को इतिहास का ज्ञान ही नहीं’

करजोल ने उद्धव ठाकरे को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन छत्रपति शिवाजी के नाम पर उनकी पार्टी का नामकरण किया गया है और जो इस पार्टी के प्रमुख आइकॉन हैं, वही कन्नड़ हैं।

कर्नाटक और महाराष्ट्र के नेताओं के बीच चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब दूसरे स्तर पर पहुँच गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को पिछले दिनों गहरा कर दिया था। अब कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री गोविंद करजोल ने कहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज कन्नड़ थे। उन्होंने शिवसेना प्रमुख को इतिहास की शिक्षा लेने की भी सलाह दी।

करजोल ने कहा कि उद्धव ठाकरे को इतिहास का ज्ञान ही नहीं है। उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी के पूर्वज बेल्लियप्पा एक कन्नड़ थे। वो कर्नाटक के गदग जिले के सोरतूर के रहने वाले थे। एक ऐसा समय आया था जब गदग को भारी सूखे और अकाल का सामना करना पड़ा। तब बेल्लियप्पा को वहाँ से पलायन कर महाराष्ट्र का रुख करना पड़ा। उनके ही वंश की चौथी पीढ़ी में छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ।”

कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री ने बेलगावी में मीडिया के सामने ये बयान दिया। उन्होंने कहा कि बेलगावी, करवाल और निप्पाणी सहित 800 गाँवों पर कर्नाटक के दावे की 1968 में गठित महाराज कमिटी ने पुष्टि की थी। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र की ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार की तीनों पार्टियों (शिवसेना, कॉन्ग्रेस और NCP) में जो आंतरिक कलह चल रही है, उससे ध्यान भटकाने के लिए सीएम उद्धव ने कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर बयान दिया।

उत्तर-पश्चिम कर्नाटक स्थित बीजापुर (विजयपुरा) के रहने वाले करजोल ने उद्धव ठाकरे को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन छत्रपति शिवाजी के नाम पर उनकी पार्टी का नामकरण किया गया है और जो इस पार्टी के प्रमुख आइकॉन हैं, वही कन्नड़ हैं। शिवजी भोंसले (1630-1680) को कोंकण के रायगढ़ में 1674 में मराठा साम्राज्य का छत्रपति घोषित किया गया था। उन्होंने औरंगज़ेब की गुलामी से एक बड़े क्षेत्र को स्वतंत्रता दिलाई थी।

हाल ही में उद्धव ने कहा था कि जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय इस मुद्दे पर अपना अंतिम फैसला नहीं दे देता, तब तक कर्नाटक की राज्य की सीमा पर मराठी भाषी लोगों के वर्चस्व वाले क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया जाना चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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