Saturday, April 27, 2024
Homeराजनीतिपत्रकारों से मारपीट मामले में अखिलेश यादव समेत 21 सपाइयों पर मुकदमा दर्ज, सपा...

पत्रकारों से मारपीट मामले में अखिलेश यादव समेत 21 सपाइयों पर मुकदमा दर्ज, सपा ने भी किया दो न्यूज रिपोर्टरों पर FIR

मुरादाबाद जिला प्रशासन ने पत्रकारों के एक समूह की ओर से सौंपे गए ज्ञापन पर यह कार्रवाई की है। वहीं, समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने दो न्यूज रिपोर्टरों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराया है। इन पत्रकारों पर सुरक्षाबलों पर हमला करने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पत्रकारों पर हुए हमले को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत 21 लोगों के विरुद्ध FIR दर्ज हुई है। अखिलेश यादव के अलावा केस में 20 अन्य सपा कार्यकर्ता नामजद किए गए हैं। सभी पर पत्रकारों से मारपीट करने का आरोप है। पुलिस ने इनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 147, 342 और 323 के तहत एफआईआर की है।

शिकायतकर्ता अवधेश पराशर का कहना है कि पत्रकारों ने आजम खान से जुड़े सिर्फ़ कुछ सवाल पूछे थे जिस पर अखिलेश यादव नाराज हो गए। उनके अनुसार पत्रकारों को उस दिन गंभीर चोट आ सकती थी जब उनके सुरक्षाकर्मी और पार्टी समर्थकों ने पत्रकारों पर हमला किया था।

जानकारी के अनुसार, मुरादाबाद जिला प्रशासन ने पत्रकारों के एक समूह की ओर से सौंपे गए ज्ञापन पर यह कार्रवाई की है। वहीं, समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने दो न्यूज रिपोर्टरों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराया है। इन पत्रकारों पर सुरक्षाबलों पर हमला करने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।

बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ताओं का बचाव करते हुए कहा था कि पूरा मामला साजिश के तहत करवाया गया है। उनके अनुसार, “हमारे खिलाफ साजिश की गई है। इस हमले में सरकार शामिल है। उन्होंने लिफ्ट की लाइट बंद कर दी थी जिससे लिफ्ट ना पहुँच पाए। वो तो खबर नहीं बनी कि होटल की लाइट किसने बंद करी थी?”

उल्लेखनीय है कि 11 मार्च 2021 को अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा प्रमुख के सामने ही पत्रकारों की बेहरमी से पिटाई की गई थी। घटना होटल हॉली डे रीजेंसी के हॉल में हुई थी। प्रेसवार्ता का समय साढ़े पाँच बजे रखा गया था, लेकिन तय समय से करीब दो घंटे देरी से प्रेस को संबोधित करने अखिलेश यादव पहुँचे।

रात करीब आठ बजे प्रेसवार्ता समाप्त होने के बाद जब अखिलेश यादव जाने लगे, उसी दौरान एक चैनल के प्रतिनिधि ने उन्हें रोककर बात करने का प्रयास किया। सुरक्षा कर्मियों ने चैनल के प्रतिनिधि को धक्का दे दिया। इसी बात को लेकर पत्रकार और सुरक्षाकर्मियों के बीच बहस हो गई।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने एक पत्रकार की आपबीती का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में मुरादाबाद के वरिष्ठ पत्रकार फरीद शम्सी ने बताया कि समाजवादी पार्टी के गुंडों ने महज सवाल पूछने पर बंदूक के कुंदों से पीटा। उन्होंने बताया कि सवाल पूछने पर रायफल मारा। सवाल पूछने पर सारे पत्रकारों को उठा-उठा कर फेंका। किसी के मोबाइल टूटे तो किसी का कैमरा टूटा।

उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “एक बार फिर देखिए लाल टोपी वाले गुंडों की गुंडई। सवाल पूछने पर सपाई गुंडों ने पत्रकारों को बुरी तरह पीटा, धमकाया, अपमानित कर भगाया, कई घायल। गेस्ट हाऊस कांड के बाद यूपी के इतिहास का सबसे कलंकित दिन। अभी सत्ता से बाहर हैं, तब इतनी गुंडई, सोचिए सत्ता में रहते कितना नशा रहा होगा।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

राम-राम कहने पर मुँह में डाल दी लाठी, छाती में गोली मार सड़क पर घसीटी लाश: कारसेवक कमलाकांत पांडेय, मुलायम सरकार में छीना गया...

जानिए 1990 में बलिदान हुए कारसेवक कमलाकांत के बारे में जिनकी पत्नी का 'मंगलसूत्र' अयोध्या में सिर्फ राम-राम कहने पर नोच लिया गया था

जेल में रहते हुए चुनाव लड़ सकते हैं कैदी, लेकिन नहीं डाल सकते वोट: आखिर ऐसा क्यों? जानिए क्या कहता है कानून

लोगों का कहना है कि जब जेल में रहते हुए चुनाव लड़ सकता है तो जेल में रहते हुए वोट क्यों नहीं डाल सकता है। इसको लेकर अपने-अपने नियम हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe