Friday, October 18, 2024
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देशमुख और महाराष्ट्र सरकार की CBI जाँच रोकने की याचिका खारिज, SC ने कहा- आप एजेंसी का चयन नहीं कर सकते

“आरोपित व्यक्ति और उस पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए यह आवश्यक है कि एक स्वतंत्र जाँच एजेंसी इस मामले की जाँच करे। इस मामले में मात्र प्रारंभिक जाँच का ही आदेश दिया गया है अतः हम इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।"

महाराष्ट्र में कई दिनों से चल रहे ड्रामे के बीच एक और बड़ी खबर आई है। महाराष्ट्र सरकार और राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट के उस निर्णय को चुनौती दी गई थी जिसके तहत अनिल देशमुख के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई द्वारा प्रारंभिक जाँच का आदेश दिया गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस के आयुक्त रहे परमबीर सिंह द्वारा राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बाद उनके विरुद्ध सीबीआई की प्रारंभिक जाँच को मंजूरी दी थी।  

जस्टिस संजय किशन कौल और हेमंत गुप्ता की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “आरोपित व्यक्ति और उस पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए यह आवश्यक है कि एक स्वतंत्र जाँच एजेंसी इस मामले की जाँच करे। इस मामले में मात्र प्रारंभिक जाँच का ही आदेश दिया गया है अतः हम इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।”

सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि यह मुद्दा जनता के विश्वास का है। इस केस में जिन दो लोगों की संलिप्तता है वे एक साथ काम करते आए हैं और दोनों ही ऊँचे पदों पर रह चुके हैं। ऐसे में किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा इस मामले की जाँच किया जाना अति आवश्यक है।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चूँकि अनिल देशमुख गृहमंत्री के पद से अपना इस्तीफा दे चुके हैं, ऐसे में किसी बाहरी एजेंसी द्वारा राज्य के मामलों की जाँच किया जाना अनुचित है।

अनिल देशमुख की ओर से कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट को पहले देशमुख का पक्ष सुनना चाहिए था। न्यायालय ने बिना सुने ही सीबीआई की प्रारंभिक जाँच का निर्णय दे दिया।

दोनों वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने प्रश्न किया कि आखिर सीबीआई की जाँच में समस्या ही क्या है? जस्टिस कौल ने यह भी कहा, “आप एजेंसी का चयन नहीं कर सकते।”

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए मुंबई के प्रतिष्ठानों से प्रति महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का आरोप लगाया था। इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई को प्रारंभिक जाँच करने को कहा था।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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