गुरुवार को दिल्ली में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की कालाबाजारी का भंडाफोड़ होने के बाद आज (मई 7, 2021) दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट से 96 और कंसन्ट्रेटर बरामद किए। पड़ताल में पुलिस को पता चला कि जिन-जिन जगहों से मशीनें बरामद हुईं, उन सबके तार उद्योगपति नवनीत कालरा से जुड़े हैं।
दिल्ली पुलिस को राजधानी के अलग-अलग कोनों से कल 450 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मिले। इनमें से 419 की बरामदगी पर एक ही व्यवसायिक संस्थान का नाम प्रकाश में आया, जिसके मालिक उद्योगपति नवनीत कालरा हैं।
रेड के दौरान, 9 से 5 लीटर क्षमता वाले 32 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर कालरा की कंपनी Nege & Ju bar से मिले। इसके बाद पुलिस ने वहाँ से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग पुलिस को मंडी गाँव के खुल्लर फार्म तक ले गए। यहाँ से 387 कंसन्ट्रेटर और बरामद हुए।
शुक्रवार को पुलिस की पड़ताल रुकी नहीं। कालरा के ही टाउन हॉल रेस्ट्रां और लोधी कॉलोनी स्थित बार से 9 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मिले। इसके अलावा खान मार्केट की मशहूर दुकान ‘खान चाचा’ से भी 96 कंसन्ट्रेटर पाए गए। कुल मिला कर कालरा के तमाम व्यवसायिक संस्थानों से अब तक 524 कंसन्ट्रेटर बरामद हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक नवनीत कालरा चीन से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर का 20-25 हजार में आयात करके उन्हें दिल्ली में 70 हजार में बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा था। अब तक इनकी 50 यूनिट बेची जा चुकी थी। ये काम ऑनलाइन बोली लगाकर हो रहा था।
पुलिस को इन सबकी सूचना एक वॉट्सएप मैसेज से हुई, जिसमें नवनीत ने अपनी बैंक डिटेल्स भेजी हुई थीं। पुलिस ने इस जानकारी पर जब पहली छापेमारी की तो उन्हें एक आदमी लैपटॉप के साथ इस काम को करता मिला। जाँच हुई तो पता चला कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर ऑनलाइन पोर्टल और वॉट्सएप ग्रुप के जरिए बेचे जा रहे थे।
कालरा के रेस्ट्रां में बड़े-बड़े नेताओं का है आना-जाना
बता दें कि दिल्ली की बदहाल हालत में कालाबाजारी का कारोबार चलाने वाले नवनीत कालरा के नाम कई खाने-पीने की दुकानें हैं। इसके अलावा दयाल ऑप्टिकल्स भी नवनीत का है। इसे नवनीत के पिता दयाल दास कालरा ने शुरू किया था। इनके रेस्ट्रां दिल्ली में सबसे जाने-माने होते हैं। यहाँ कई वीआईपी, सेलिब्रिटी और राजनेता आते हैं।
सबसे मशहूर जगह की बात करें तो कबाब एंड रोल्स के लिए मशहूर इनकी ‘खान चाचा’ दुकान के काफी चर्चे हैं। इसकी शुरुआत 1972 में हाजी बंदा हसन ने की थी। उन्हें लोग खान चाचा कहते थे। बाद में इसे उनके दो बेटों मोहम्मद सलीम और मोहम्मद जावेद ने आगे बढ़ाया।
2009 में इस वेंचर में नवनीत कालरा की साझेदार के तौर पर एंट्री हुई और 2016 में बिना किसी स्पष्ट कारण के ये साझेदारी टूट गई। नवनीत कालरा ने पूरे रेस्ट्रां पर कब्जा कर लिया और नाम भी खान चाचा ही रहा।
कालरा के दावों के अनुसार, उसे 2012 के समझौते के बाद इस ब्रांड के सारे अधिकार सौंपे गए, लेकिन खान परिवार की मानें तो ये सारी बात जाली और मनगढ़ंत हैं। इसी कारण से इनकी साझेदारी भी टूटी और खान भाइयों ने रूल द रोल्स नाम से अपनी दुकान खोल ली।
मालूम हो कि खान चाचा लंबे से खाने पीने की मशहूर जगहों में से एक है। इसके अलावा कालरा का टाउन हॉल भी कम फेमस नहीं है। रणदीप बजाज और नवनीत बजाज के साथ साझेदारी में चल रहे इस रेस्ट्रां में वीर संघवी, राहुल गाँधी जैसे लोग भी खाने का लुत्फ लेने आते हैं।
इसके अलावा नवनीत कालरा के संबंध आम आदमी पार्टी से भी हैं। साल 2020 में अरविंद केजरीवाल ने दोबारा सीएम बनने की शपथ लेते हुए 48 लोगों को ‘दिल्ली के निर्माता’ के तौर पर सम्मानित किया था। कालरा उन्हीं 48 लोगों में शामिल एक नाम थे।
पुलिस कर रही गायब कालरा को पकड़ने का प्रयास
दिल्ली में ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की बरामदगी के बाद से नवनीत कालरा छिपता घूम रहा है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया है। इस दौरान मामले के तार दिल्ली पुलिस को लंदन तक से जुड़े मिले हैं।
दरअसल, पुलिस को अपनी छापेमारी में गगन दुग्गल का नाम पता चला है। दुग्गल, नवनीत कालरा का पार्टनर है। जानकारी के अनुसार, वह लंदन में रहता है और मैट्रिक्स कंपनी का मालिक है। ये कंपनी सिम कार्ड बनाती है। मंडी विलेज के खुल्लर फार्म से जो 387 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मिले हैं, वह फार्म गगन दुग्गल से जुड़ा है।
इसी दुग्गल की मैट्रिक्स कंपनी के नाम से 20 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर 20 हजार रुपए प्रति पीस के हिसाब से भारत इम्पोर्ट हुए। इसके बाद इन्हीं को 70 हजार तक रेट बढ़ाकर बेचा गया। पुलिस ने मैट्रिक्स कंपनी के मैनेजर गौरव सिंह को नवनीत कालरा से संबंध होने के लिए गिरफ्तार किया है।