Monday, December 23, 2024
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जिस पीड़िता के कारण MP में बना ‘लव जिहाद’ कानून, उनकी संदिग्ध मौत: कॉन्ग्रेस नेता था आरोपित सिकंदर खान, मिल चुकी है जमानत

मृतका के पिता ने पुलिस-प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी और हिन्दू नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा मदद के आश्वासन के बावजूद किसी पर कुछ आरोप नहीं लगाया है।

मध्य प्रदेश में जिस महिला के साथ हुए अपराध के कारण ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून का खाका तैयार करने की शुरुआत हुई थी, उसकी संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है। उक्त पीड़िता की मौत मई 4, 2021 को ही हो गई थी लेकिन मीडिया में अब जाकर ये खबर सामने आई है। सोशल मीडिया में मंगलवार (मई 18, 2021) को लोगों ने जब इससे सम्बंधित चीजें शेयर करनी शुरू की, तब मामला प्रकाश में आया।

विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय थाना पहुँच कर विरोध दर्ज कराया। मामला कुछ यूँ था कि आरोपित सिकंदर उर्फ समीर उर्फ अतीक मंसूरी ने पीड़िता को छद्म हिंदू नाम रख कर अपने प्रेमजाल में फंसाया था। सिकंदर नजीराबाद के अहमद नगर का रहने वाला है। सितम्बर 11, 2020 को उसके खिलाफ बलात्कार सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। चूँकि पीड़िता तब नाबालिग थी, इसीलिए पॉस्को एक्ट भी लगाया गया।

इस घटना के तूल पकड़ने के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपित का फार्म हाउस भी ध्वस्त कर दिया गया था। आरोपित सिकंदर खान कॉन्ग्रेस का नेता था और पूर्व-मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर के साथ अपने पोस्टर्स लगाया करता था। उक्त घटना मध्य प्रदेश के सतना स्थित कोलगवाँ की थी। आरोपित के घर से जाँच के दौरान कई बड़े नेताओं के लेटर पैड मिले थे। साथ ही हवाला, ब्याज, अड़ीबाजी, रेल टिकट दलाली, प्लाॅट ब्रिकी के कई दस्तावेज जब्त हुए थे।

इससे साफ़ था कि आरोपित का काफी लम्बा-चौड़ा फैला हुआ था। भोपाल में घर और बैंक के लॉकर से सीडी, डीवीडी, नकदी, चेक भी मिले थे। उसे कोर्ट में पेश करने के बाद केंद्रीय जेल भेज दिया गया था। इस घटना के कुछ दिनों बाद राज्य सरकार ने इसकी चर्चा करते हुए बेटियों को न्याय दिलाने हेतु ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने की बात कही थी। विहिप और बजरंग दल के लोग पीड़िता के घर भी पहुँचे।

हिन्दू संगठनों से मृतका के पिता ने बताया कि उनकी बेटी 24-25 अप्रैल को सहेली के साथ दिल्ली गई थी। वो 28-29 अप्रैल को वहाँ से लौट आई थी। लौटने के बाद उसकी तबीयत खराब लग रही थी। उसने बाजार से दवा लेकर खाई। 4 मई की शाम को उसे साँस लेने में दिक्कत आने लगी। पिता ने बताया कि वो उसे अस्पताल ले जाने के लिए ऑटो लेकर आए, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी।

बेला चौकी स्थित गाँव में अंतिम-संस्कार की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मई 18 को परिवार वापस आ गया। मृतका के पिता ने पुलिस-प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी और हिन्दू नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा मदद के आश्वासन के बावजूद किसी पर कुछ आरोप नहीं लगाया है। आरोपित सिकंदर भी अप्रैल 24 को जमानत पाने में कामयाब रहा था। कई लोगों ने उस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है, क्योंकि पीड़िता में उसके जेल जाने के बाद थाना व SP के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपित का भाई रहीस उस पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है। सिकंदर को जबलपुर हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। अगले दिन केंद्रीय जेल को भी आदेश की प्रति मिल गई थी। 40 वर्षीय सिकंदर ने फेसबुक के जरिए नाबालिग से संपर्क किया था। पुलिस को शिकायत मिली थी कि उसने कई अन्य महिलाओं को भी अपना शिकार बनाया है। सिकंदर पर आरोप है कि वो महिलाओं के अश्लील वीडियो बना कर उन्हें पोर्न वेबसाइट्स पर अपलोड कर दिया करता था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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