Thursday, May 2, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'असली भारत' के नाम पर राजदीप सरदेसाई ने परोसा झूठ, उत्तराखंड सरकार ने खोली...

‘असली भारत’ के नाम पर राजदीप सरदेसाई ने परोसा झूठ, उत्तराखंड सरकार ने खोली पोल

सरदेसाई ने दावा किया था कि कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार खुले में हो रहा है। जबकि हकीकत में वह राज्य सरकार द्वारा बनाया गया श्मशान घाट है और कोविड प्रोटोकॉल के तहत संस्कार किया जा रहा है।

इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई एक बार फिर झूठ परोसते पकड़े गए हैं। इस बार उनकी पोल उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने खोली है। 20 मई को उन्होंने अपने शो में असली भारत की कहानी दिखाने के नाम पर बताया था कि उत्तराखंड में सरकार मृतकों का दाह-संस्कार भी ढंग से नहीं करवा रही। मृतकों को खुले में जलाना पड़ रहा है।

इस स्टोरी पर राज्य स्वास्थ्य विभाग का जवाब आने के बाद से सरदेसाई की एक बार फिर थू- थू हो रही है। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भैंसवाड़ा फार्म, प्रशासन द्वारा दाह संस्कार के लिए नामित स्थल है। यहाँ COVID-19 प्रोटोकॉल के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यह कहानी सत्यापित नहीं की गई और इसकी प्रकृति सनसनीखेज है, ऐसा करना वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के लिए अशोभनीय है।

अगले ट्वीट में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एसडीएम अल्मोड़ा, एएमए-जेडपी और ईओ-एनपी अल्मोड़ा साइट के प्रभारी हैं। वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। पहाड़ियों में कोई नामित श्मशान नहीं है, लेकिन घाटों पर दाह-संस्कार के लिए इंतजाम किए गए हैं। पीपीई किट वाला व्यक्ति एक सरकारी कर्मचारी है जो अपने निर्दिष्ट कामों को कर रहा है।

भैंसवाड़ा फार्म में कोविड संक्रमित शवों के लिए बनाए गए घाट का उल्लेख हमें मीडिया रिपोर्ट में भी देखने को मिलता है। अमर उजाला की रिपोर्ट में 16 मई 2021 को लिखा गया था, “कोविड की दूसरी लहर के दौर में कोरोना से मरने वालों की तादाद बढ़ रही है। प्रशासन को संक्रमितों के शवों को जलाने के लिए नई जगहों की तलाश करनी पड़ रही है। ऐसे में लमगड़ा क्षेत्र के भैंसवाड़ा फार्म को संक्रमित शवों के दाह संस्कार के लिए घाट बनाया गया है।”

एक ओर जहाँ उत्तराखंड सरकार के पास इस बात के प्रमाण हैं कि घाट को कोविड-संक्रमित शवों के लिए आरक्षित किया गया है।

भैंसवाड़ा फार्म में कोविड शवों को जलाने के लिए स्थल चयनित किया गया

वहीं सरदेसाई अपनी सहकर्मी ऐश्वर्या पालीवाल की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाने से पहले कहते हैं कि कोरोना वायरस पहाड़ों में पहुँच गया और कोविड पीड़ितों के परिवार वाले खुले में शव जलाने के लिए मजबूर हैं।

अब सरदेसाई के इस शो की हकीकत खुलने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स उनके लिए कह रहे हैं कि इस आदमी को छुट्टी पर भेज देना चाहिए। इसे निलंबन के बाद भी अक्ल नहीं आई है। कुछ लोग ट्विटर से अपील कर रहे हैं कि वह सरदेसाई पर कार्रवाई करके दिखाएँ कि वो पक्षपात नहीं करते। वहीं कुछ ऐसे भी है जो उत्तराखंड सरकार से ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर वो ऐसी झूठी खबर दिखाने के आरोप में इन पर एफआईआर क्यों नहीं करती।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मिलिए पत्रकार हरमन गोमेज से, हिंदुओं को कहता है- भ@वे, गां$… महिला ब्यूरोचीफ को बोलता है- मा@$द: माधवी लता को बताता है ‘ट्रांसजेंडर

इस हिन्दू और महिला विरोधी पत्रकार का नाम हरमन गोमेज है। वह भारत के बड़े पत्रकारिता संस्थानों में काम कर चुका है।

‘मोदी को दोबारा आने से रोको’: 400 पार की धमक से खौफ में आया पाकिस्तान, पूर्व मंत्री ने कहा- BJP को रोकना होगा, राहुल...

भारतीय मीडिया पर आकर फवाद चौधरी ने भारत के खिलाफ अनाप-शनाप बोला और कहते दिखे कि किसी भी तरह मोदी को सत्ता में आने से रोका जाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -