Wednesday, November 6, 2024
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पाकिस्तान में सिखों पर खतरा, धर्मगुरु भेज रहे ऑडियो मैसेज… और खालिस्तानी नेता कर रहे इस्लामी आतंकियों का बचाव

लाहौर और ननकाना साहिब के सिखों के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। गुरुद्वारा के ग्रंथी सिख लड़कों को जल्दी घर लौट आने का ऑडियो मैसेज भेज रहे हैं... लेकिन खालिस्तानी नेता कहते हैं - "सिख युवा सिख धर्म के रास्ते से भटक गए हैं, यह मैसेज उनके लिए था।"

पाकिस्तान दशकों से अपने यहाँ की सिख आबादी के साथ हत्या, दुष्कर्म, अपहरण और उनकी बच्चियों/लड़कियों का जबरन विवाह कराने जैसे कृत्यों को अंजाम देकर प्रताड़ित करते आ रहा है। हाल में भी ऐसा ही हुआ। फिर भी वहाँ स्थित सिखों के नेता न जाने क्यों भारत को तोड़ने के नापाक मंसूबों वाले इस्लामी आतंकवाद को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं?

हाल ही में पाकिस्तान के सिख समूहों के बीच प्रसारित एक ऑडियो संदेश में एक सिख धर्मगुरु ने लाहौर और ननकाना साहिब स्थित सिख समुदाय के सदस्यों को तालिबानी हमले के खतरे के कारण देर रात घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी। ज़ी मीडिया ने इस ऑडियो संदेश को एक्सेस किया है, जिससे पता चलता है कि लाहौर के सिखों को और गुरु नानक देव के जन्मस्थान ननकाना साहिब में रहने वाले सिखों को पाकिस्तान के इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) को अपना परिचय पत्र जमा करने के लिए कहा गया था।

इसकी पुष्टि करते हुए, गुरुद्वारा गुरु रामदास जी, चूना मणि, लाहौर के ग्रंथी रंजीत सिंह ने एक ऑडियो संदेश भेजकर सिखों को सतर्क रहने और देर रात तक अपने घरों से बाहर न रहने की चेतावनी दी। रंजीत सिंह के साथ पीएसजीपीसी के पूर्व सदस्य मनिंदर सिंह ने भी पश्तो में एक ऑडियो संदेश जारी किया और पाकिस्तान में सिखों को सतर्क रहने के लिए कहा।

इंटरनेट पर वायरल हुए ऑडियो संदेश में रंजीत सिंह ने कहा, “गुरुद्वारा डेरा साहिब में दैनिक शाम दीवान की पराकाष्ठा के बाद, ईटीपीबी अधिकारियों द्वारा एक घोषणा की गई थी कि लाहौर और ननकाना साहिब में रहने वाले सिखों को जान से मारने की धमकी मिली है, इसलिए उन्हें पुलिस के साथ आवासीय पता, संपर्क नंबर आदि सहित अपना विवरण साझा करना चाहिए ताकि आवश्यक सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं।”

इस बात की पुष्टि करते हुए कि कई सिखों ने पुलिस को अपने संबंधित दस्तावेज दिए थे। लाहौर के एक सिख निवासी जो कपड़े की दुकान चलाते हैं, ने कहा, “यहाँ तक कि पुलिसकर्मी भी हमारी दुकानों पर दस्तावेज माँगने आते हैं।”

इस मामले पर भारतीय विश्व मंच (IWF, भारतीय प्रवासियों को जोड़ने वाला एक संगठन) ने संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को उठाने के अलावा पाकिस्तान सरकार के साथ सिख और पाकिस्तान के हिंदुओं की सुरक्षा के मुद्दे को उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की माँग की। इसके बावजूद पाकिस्तानी सिख नेतृत्व का कहना है कि सिखों को चेतावनी देने वाला ऑडियो मैसेज पाकिस्तान के गुरुद्वारा ग्रंथी रंजीत सिंह द्वारा फैलाया गया था, लेकिन किसी और मकसद से।

सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो संदेश में पाकिस्तान के खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला, जिनके हैंडलर आईएसआई के साथ हैं, ने कहा कि पाकिस्तान के सिख हमेशा गुरुद्वारा ग्रंथी से मार्गदर्शन लेते हैं। चावला ने कहा, “संदेश वास्तव में ग्रंथी रंजीत सिंह का था लेकिन वह कुछ और बताना चाहते थे।” 

लाहौर और ननकाना साहिब के सिखों के लिए खतरे के वास्तविक मुद्दे को छिपाने के एक स्पष्ट प्रयास में चावला ने एक मजेदार तर्क दिया कि ग्रंथी रंजीत सिंह सिख लड़कों को देर रात में इधर-उधर न घूमने और समय पर घर पहुँचने का संदेश दे रहे थे। लाहौर और ननकाना साहिब के सिखों के ऊपर खतरे के वास्तविक मुद्दे को छिपाने का प्रयास करते हुए उन्होंने अनजाने में पाकिस्तान में बिगड़ते सिख धार्मिक मूल्यों और प्रथाओं की ओर भी इशारा किया। उन्होंने दुनिया को सूचित किया कि पाकिस्तान के सिख युवा सिख धर्म के रास्ते से भटक गए हैं।

चावला ने 2.31 मिनट के वीडियो में कहा, “हमारे लड़के देर रात तक बाहर बहुत घूमते रहते हैं और दैनिक धार्मिक दिनचर्या नहीं कर रहे थे। इसलिए ग्रंथी ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। आप (सिख युवा) समय पर घर जाएँ ताकि आप अगली सुबह गुरुद्वारा जा सकें।”

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों किसान आंदोलन के दौरान तथाकथित सिख (खालिस्तानी)-इस्लाम एकता देखने को मिला। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘किसान’ दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। एक के बाद एक विपक्षी दल ‘किसानों’ के समर्थन में सामने आ रहे हैं। वहीं पंजाब और हरियाणा के ‘किसानों’ के समर्थन में मुस्लिम पक्ष भी जुड़ गया है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हुआ, जिसमें ‘किसान’ आंदोलन के समर्थन में उतरे मुस्लिम समुदाय के लोग सड़क पर नमाज पढ़ रहे थे और सिख समुदाय के लोग उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि सिख समुदाय के लोग नमाज पढ़ रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों के पास खड़े होकर उन्हें प्रोटेक्ट कर रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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