जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा द्वारा ताइवान को एक देश बताने पर चीन भड़क गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार (9 जून 2021) को PM सुगा ने विपक्षी नेताओं के साथ अपनी पहली आमने-सामने की संसदीय बहस में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ताइवान का नाम लेते हुए कहा, “ये ऐसे तीन देश हैं, जो कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए निजी अधिकारों पर कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं।”
ताइवान (Taiwan) को आमतौर पर जापान में एक क्षेत्र कहा जाता है, जबकि चीन ताइवान को अपना अभिन्न हिस्सा बताता है। ऐसे में चीन ने ताइवान का एक देश के रूप में संदर्भ देने के बाद जापान (Japan) पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। साथ ही उसे चेतावनी भी दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग में गुरुवार (10 जून 2021) को एक प्रेस वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से PM सुगा की टिप्पणी के बारे में पूछा गया। इसको लेकर वांग ने कहा, “जापानी नेता कई मौकों पर ताइवान का जिक्र एक देश के रूप में करते हैं।” उन्होंने जापान पर स्व-शासित ताइवान को एक देश के रूप में संदर्भित नहीं करने की अपनी प्रतिज्ञा को गंभीर रूप से भंग करने का आरोप लगाया है।
वांग ने आगे कहा कि चीन जापान के इस रवैये से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। उन्होंने जापानी पक्ष से स्पष्ट करने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इस तरह की घटना फिर कभी न हो। चीनी अधिकारी ने जापान से अपने वादों का सम्मान करने, अपने शब्दों और कार्यों से सतर्क रहने और किसी भी तरह से चीन की संप्रभुता को नुकसान नहीं पहुँचाने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है और ताइवान चीनी क्षेत्र का अभिन्न अंग है। मालूम हो कि दोनों देश सात दशकों से अधिक समय से अलग-अलग शासित हैं। इसके बाद भी चीन ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है।
बता दें कि PM सुगा द्वारा ताइवान को ऐसे समय में देश बताया गया है, जब टोक्यो और बीजिंग पहले से ही कई मुद्दों को लेकर आमने-सामने हैं। इसमें पूर्वी चीन सागर को लेकर क्षेत्रीय विवाद और हॉन्गकॉन्ग पर कार्रवाई भी शामिल है।