उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के नूरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल में हिंदू बच्चों से नमाज पढ़वाने को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने डीएम और एसपी से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है। ऑपइंडिया ने इस स्कूल में अंग्रेजी की टीचर रहीं कल्पना सिंह के हवाले से पूरे प्रकरण को उजागर किया था। उन्होंने बताया था कि इस स्कूल में उमर गौतम का आना-जाना था। उसे यूपी एटीएस ने इस्लामी धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पिछले दिनों गिरफ्तार किया था।
आयोग ने शुक्रवार (25 जून 2021) को भेजे गए नोटिस में कहा है कि मीडिया में प्रकाशित खबर के आधार पर NCPCR ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम-2005 की धारा 13 (1) (j) के तहत स्वतः संज्ञान लिया है। इस पूरे मामले में जाँच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। आयोग द्वारा DM से निम्न बिंदुओं पर जवाब देने के लिए कहा गया है;
- क्या विद्यालय में पढ़ने वाले हिन्दू धर्म के बच्चों को किसी अन्य धर्म की उपासना में शामिल किया गया?
- क्या बच्चों को अन्य संप्रदाय की पूजा अर्चना में शामिल करने से पहले उनके अभिभावकों से अनुमति ली गई?
- अगर स्कूल में पढ़ने वाले किसी बच्चे का धर्मांतरण किया गया है तो उसकी जानकारी
NCPCR ने इस मामले में प्रथम दृष्ट्या यह भी स्वीकार किया है कि यह पूरा मामला भारत के संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन है। इस मामले में आयोग ने त्वरित कार्रवाई करने के लिए कहा है और यह भी आदेशित किया है कि इस कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट 3 दिनों के भीतर उसे सौंपी जाए।
NCPCR ने फतेहपुर के जिला पुलिस अधीक्षक को भी इस प्रकरण में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट आयोग को 3 दिन के भीतर भेजने के लिए कहा है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि किस आधार पर कल्पना सिंह के द्वारा की गई शिकायत पर FR लगाया गया?
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश ATS ने मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्मांतरण करने वाले गैंग का पर्दाफाश कर गिरफ्तारी की थी। गिरफ्तार किए गए मौलाना में से एक मोहम्मद उमर गौतम को लेकर फतेहपुर के नूरुल हुदा स्कूल में अंग्रेजी की टीचर रही कल्पना सिंह ने नया खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि उन पर भी धर्मांतरण का दबाव बनाया गया था। साथ ही हिंदू बच्चों को उर्दू और अरबी पढ़ाने का विरोध करने पर उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था।