Wednesday, May 1, 2024
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₹25,000 करोड़ के घोटाले में डिप्टी सीएम अजीत पवार पर कसा शिकंजा: ED ने 65 करोड़ की चीनी मिल को किया सीज

ईडी ने अपनी जाँच में खुलासा किया है कि जरांदेश्वर एसएसके को गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2010 में 65.75 करोड़ रुपए में खरीदा था और तुरंत ही उसे जरांदेश्वर शुगर मिल को बेच दिया। इस कंपनी की ज्यादातर हिस्सेदारी अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार की कंपनी स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड के पास है।

महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की 65 करोड़ रुपए कीमत की शुगर मिल को अटैच कर लिया है। यह कंपनी पवार की पत्नी सुनेत्रा अजीत पवार की है। अजीत पवार एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, अजीत पवार की यह कंपनी महाराष्ट्र के सातारा में है, जिसका नाम जरांदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना (जरंदेश्वर एसएसके) है।

ईडी ने अपनी जाँच में खुलासा किया है कि जरांदेश्वर एसएसके को गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2010 में 65.75 करोड़ रुपए में खरीदा था और तुरंत ही उसे जरांदेश्वर शुगर मिल को बेच दिया। खास बात यह है कि इस कंपनी की ज्यादातर हिस्सेदारी अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार की कंपनी स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड के पास है। जाँच एजेंसी के मुताबिक, गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड केवल एक डमी कंपनी है, जिसे जरांदेश्वर एसएसके को खरीदने के लिए बनाया गया था।

सितंबर 2019 में राज्य के विधानसभा चुनावों से पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक स्कैम (MSCB) में 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अजीत पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। मामले की छानबीन करते हुए ईडी को पता चला कि एमएससीबी ने 2010 में जरांदेश्वर एसएसके को एक नीलामी में उचित मूल्य से कम कीमत पर बेचा था।

चीनी मिल की नीलामी में सरफेसी अधिनियम का उल्लंघन हुआ

प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जाँच में ईडी ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक पर सहकारी शुगर कारखाने की नीलामी में सरफेसी अधिनियम के सभी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। जाँच एजेंसी के मुताबिक, नियमों को ताक पर रखकर एमएससीबी ने निदेशकों और निजी लोगों को मिल को औने-पौने दामों पर बेचा दिया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वक्त ये घोटाला हुआ था, उस दौरान एनसीपी नेता अजीत पवार उस समय बैंक के बोर्ड में थे। ईडी ने कहा है कि जरंदेश्वर एसएसके को जरंदेश्वर चीनी मिल द्वारा पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और दूसरे बैंकों से 2010 से अब तक 700 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था, जो कि अब भी बरकरार है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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