Friday, November 15, 2024
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‘तालिबान पाकिस्तानी समर्थन के बिना एक भी दिन नहीं टिक सकता’: पश्तूनों ने पाकिस्तान के खिलाफ न्यूयॉर्क में किया विरोध प्रदर्शन

"तालिबान पाकिस्तानी समर्थन के बिना एक भी दिन नहीं टिक सकता है। अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान पर तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों का समर्थन समाप्त करने के लिए दबाव बनाना होगा।"

अमेरिका के न्यूयॉर्क में पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) ने अली वजीर की अवैध नजरबंदी और अफगानिस्तान में पाकिस्तान के छद्म युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि अली वजीर पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और सैन्य उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं।

पीटीएम (Pashtun Tahafuz Movement) ने अपने बयान में कहा कि न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में पार्टी के सदस्यों ने शनिवार (31 जुलाई 2021) को हुई कार रैली में बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। उन्होंने अली वजीर की तत्काल रिहाई और अफगानिस्तान में पाकिस्तानी छद्म युद्ध की समाप्ति की माँग की है। उन्होंने कहा कि पश्तूनों द्वारा शांतिपूर्ण जीवन के लिए आवाज उठाने पर वजीर को अवैध हिरासत में रखा गया है।

पीटीएम यूएसए के नेता हिम्मत ने कहा, ”अली वजीर की लगातार नजरबंदी अवैध है, क्योंकि इसका आदेश जनरल बाजवा ने दिया है।” उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान में अदालतें स्वतंत्र नहीं हैं और हम सेना द्वारा नियंत्रित न्यायाधीशों से न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते।

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी नेशनल असेंबली एक रबर स्टैंप है और देश की शक्तिशाली सेना महत्वपूर्ण मुद्दों पर विधानसभा को आदेश देती है। अली वजीर को लेकर हाल ही में संसद में ऑफ-कैमरा ब्रीफिंग में थल सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने कहा था, “अली के माफी माँगने के बाद ही हम उन्हें रिहा कर सकते हैं।”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कनेक्टिकट में पीटीएम के उपाध्यक्ष अमीन जान इब्राहिमी ने कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हस्तक्षेप बिल्कुल स्पष्ट है। तालिबान नेतृत्व क्वेटा, पेशावर और मिरानशाह में रह कर योजना बना रहा है। तालिबान पाकिस्तानी समर्थन के बिना एक भी दिन नहीं टिक सकता है। अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान पर तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों का समर्थन समाप्त करने के लिए दबाव बनाना होगा।

बता दें कि कार रैली संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में समाप्त हुई थी। इसमें दुनियाभर के लोगों से अहम भूमिका निभाने व अफगानिस्तान में निर्वाचित सरकार का समर्थन करने की माँग की गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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