Thursday, October 31, 2024
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नारायण राणे के खिलाफ 49 FIR, BJP दफ्तरों पर शिवसैनिकों की पत्थरबाजी: गिरफ़्तारी के लिए निकली नासिक व पुणे पुलिस

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने पूछा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कुछ दिनों पहले जब भाजपा नेता सिद्धार्थ लाड के खिलाफ ऐसा ही बयान दिया था, तब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

शिवसेना ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। पार्टी के सांसद विनायक राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कहा है कि वो नारायण राणे को अपनी कैबिनेट से हटाएँ। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के खिलाफ ‘निंदनीय टिप्पणी’ करने वाले नारायण राणे के पास पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने पीएम मोदी को लिखा, “हमारे राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर पत्रकार परिषद में पद की मर्यादा भूल कर नारायण राणे द्वारा जो टिप्पणी की गई, वो अत्यंत निंदनीय है। वो ऐसा कह कर समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं, यह मेरे समझ से परे है। ये हमारे देश के प्रधानमंत्री का अपमान है। मैं आपसे विनती व अनुरोध करता हूँ कि नारायण राणे से इस्तीफा लेकर उन्हें तुरंत मंत्रिपद से हटाया जाए। आशा है आप त्वरित कार्रवाई करेंगे।”

शिवसेना सुप्रीमो के खिलाफ टिप्पणी के लिए नारायण राणे के खिलाफ महाराष्ट्र में अब तक 3 FIR दर्ज किए जा चुके हैं। मुंबई में शिवसेना कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। पत्थरबाजी कर रहे शिवसेना कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस घटना में नारायण राणे के दो समर्थकों के अलावा दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं। रायगढ़ के महाद में सोमवार (23 अगस्त, 2021) को दिए गए एक बयान के कारण ये हंगामा हो रहा है।

आरोप के अनुसार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा था, ये शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को ये नहीं पता कि हमें स्वतंत्र हुए कितने वर्ष हुए हैं। अपने भाषण के दौरान उन्होंने पीछे मुड़कर अपने सहयोगी से पूछा था। अगर मैं वहाँ होता तो उन्हें जोरदार थप्पड़ मारता।” मुंबई में नारायण राणे के घर के बाहर उनकी तस्वीरें जलाई गईं। शिवसेना के कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लेकर उनके घर का घेराव करने पहुँचे थे।

नारायण राणे ने ये कह कर अपने बयान का बचाव किया है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया को उनके बयानों की पुष्टि करनी चाहिए, वरना वो केस दायर करेंगे। PTI की खबर के अनुसार, जब गिरफ़्तारी की आशंका को लेकर राणे से सवाल पूछे गए तो उन्होंने पूछा कि क्या वो उन्हें एक साधारण व्यक्ति दिखते हैं? शिवसेना के यूथ विंग ‘युवा सेना’ के कार्यकर्ताओं ने भी गुंडागर्दी की।

महाराष्ट्र में कई जगह नारायण राणे को ‘मुर्गी चोर’ बताते हुए उनके पोस्टर्स लगाए गए। बता दें कि लगभग 50 वर्ष पहले चेम्बूर में एक पोल्ट्री की दुकान चलाया करते थे। वो भाजपा से पहले शिवसेना में हुआ करते थे और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के करीबी थे। महाद में ‘युवा सेना’ के नेता सिद्धेश पाटेकर ने नारायण राणे के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। नासिक की साइबर सिटी और पुणे पुलिस ने भी ऐसे FIR दर्ज किए हैं।

नारायण राणे के खिलाफ ‘भारतीय दंड संहिता (IPC)’ की धाराओं (विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषाई या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के बीच सद्भाव के ‌खिलाफ किया गया कृत्य, जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती हो), 159 (लोक शांति को भंग करना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना उकसाना) 505 (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएँ पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

पुणे पुलिस की एक टीम जाँच के लिए निकल भी गई है। नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा के खिलाफ इससे पहले 46 अन्य FIR भी दर्ज किए गए थे। उन पर कोरोना नियमों के उल्लंघन के आरोप में भी मामले दर्ज किए गए हैं। 39 FIR मुंबई में दर्ज हैं और 7 मित्र-भायंदर व वसई-विरार पुलिस में। नासिक में भी शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भाजपा दफ्तर पर पत्थरबाजी की है। अमरावती और रत्नागिरी में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

नासिक पुलिस भी नारायण राणे की गिरफ़्तारी के लिए निकल गई है। वहीं नारायण राणे के बेटे विधायक नीतीश राणे ने आरोप लगाया है कि रत्नागिरी के पास उन्हें रोका गया है और मुंबई पुलिस ने उन्हें पीटने की धमकी दी है। नासिक पुलिस कमिश्नर ने दीपक पांडे ने उनकी गिरफ़्तारी के आदेश दिए हैं। शिवसेना कार्यकर्ताओं पर भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई व दफ्तरों पर पत्थरबाजी के आरोप भी लगे हैं।

नारायण राणे ने कहा है कि वो जन-आशीर्वाद यात्रा को नहीं रोकेंगे और ये चलती रहेगी। उन्होंने पूछा कि उद्धव ठाकरे ने कुछ दिनों पहले जब भाजपा नेता सिद्धार्थ लाड के खिलाफ ऐसा ही बयान दिया था, तब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? भाजपा की महाराष्ट्र यूनिट ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। 2019 लोकसभा चुनाव और दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए बयानों की पार्टी ने याद दिलाई है।

नीतीश राणे ने भी ट्विटर पर चेतावनी देते हुए लिखा, “खबर है कि युवा सेना के सदस्यों को हमारे जूहू आवास के बाहर इकट्ठा होने को कहा गया है। या तो मुंबई पुलिस उन्हें वहाँ जाने से रोके या फिर जो कुछ भी वहाँ होता है ये हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। शेर की माँद में जाने की हिम्मत मत करो। हम इंतजार कर रहे होंगे।” उन्होंने उद्धव ठाकरे के ‘रिश्तेदारों’ पर मुंबई पुलिस को गाली देने का आरोप भी लगाया।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे ने 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी। वह उद्धव ठाकरे के आलोचक रहे हैं। इतना ही नहीं बीजेपी की जन-आशीर्वाद यात्रा के खिलाफ शिवसेना शुरू से ही आक्रामक रही है। कोंकण का महाड़ इलाका शिवसेना का वर्चस्व वाला क्षेत्र माना जाता है। 1999 में बाल ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम को चुना था। हालाँकि, शिवसेना से मनमुटाव के बाद वो भाजपा में आ गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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