कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने बुधवार (सितंबर 15, 2021) को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का नाम गलत संदर्भ के साथ लेकर एक और विवाद खड़ा कर दिया। मंशा तो उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत को घेरने की थी, लेकिन सोशल मीडिया पर यूजर्स उन्हें ही लताड़ने लगे।
WATCH: @INCIndia leader @RahulGandhi takes a dig at @RSSorg; says, "You'll always see 3-4 women in Gandhiji's photos, but have you seen a photo of @DrMohanBhagwat with any woman? Impossible!" pic.twitter.com/gsxPHQtBSi
— Asianet Newsable (@AsianetNewsEN) September 15, 2021
ऑल इंडिया महिला कॉन्ग्रेस द्वारा आयोजित एक मीट में राहुल गाँधी ने कहा, “जब आप महात्मा गाँधी को देखते हैं तो आपको इर्द-गिर्द 2-3 महिलाएँ दिखती हैं। क्या आपने मोहन भागवत के आसपास किसी महिला को देखा? ऐसा इसलिए है क्योंकि वो महिलाओं को दबाते हैं और हमारा संगठन उन्हें मंच देता है।”
When you see (Mahatma) Gandhi’s picture, you’ll see 2-3 women around him. Have you seen a picture of Mohan Bhagwat with any woman? That’s because their org suppresses women&our org give them a platform. Modi-RSS didn’t make any woman PM of the country, Congress made: Rahul Gandhi pic.twitter.com/F19EMLIENV
— ANI (@ANI) September 15, 2021
राहुल गाँधी अपनी ऐसी टिप्पणियों से चाहते थे कि वो दिखा सकें कि उनकी पार्टी महिलाओं के सशक्तिकरण पर कितना काम करती है जबकि आरएसएस में ये स्थिति उलट है। लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे गलत समझ लिया और राष्ट्रपिता के लिए ऐसी टिप्पणी करने पर हैरानी जताने लगे कि महात्मा गाँधी दो-तीन महिलाओं की कंपनी में रहते थे।
@RahulGandhi said:-
— Manoranjan Sahoo (@mano_soham) September 15, 2021
“When you see (Mahatma) Gandhi’s picture, you’ll see 2-3 women around him. Have you seen a picture of Mohan Bhagwat with any woman?”
Is he actually praising Mahatma or Mohan Bhagwat?
एक ट्विटर यूजर पूछता है कि आखिर राहुल गाँधी ऐसी बातें कहकर महात्मा गाँधी की सराहना कर रहे हैं या फिर मोहन भागवत की?
Does @RahulGandhi mean that Mahatma Gandhi is a womaniser and always he had women around him? That is what one can infer from his statement. Ufffdd https://t.co/HoeqWjlxy3
— V Ramesh🇮🇳 (@VRameshV_) September 15, 2021
दूसरे यूजर ने राहुल गाँधी की टिप्पणी पर पूछा कि क्या गाँधी व्यभिचारी थे जो हमेशा महिलाओं से घिरे रहते थे।
संघ से जुड़े रतन शारदा कहते हैं,”भगवान का शुक्र है कि मोहन भागवत ऐसे नहीं दिखे।”
Thank God that Bhagwat ji is not seen moving like what #RahulGandhi alludes. While Congress has swept these Gandhi experiments under carpet, this Nehru scion loves them. 😂
— Ratan Sharda 🇮🇳 रतन शारदा (@RatanSharda55) September 15, 2021
Please leave Gandhi ji alone.😷🙏 https://t.co/ACKNHbHEuE
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव विजय राहतकर इस पर प्रतिक्रिया देते हैं। वह कहते हैं, “आरएसएस का अंधा विरोध करने में ये आदमी राष्ट्रपिता पर सेक्सिस्ट टिप्पणी कर रहा है। ये भूल रहा है कि मोदी सरकार में 11 महिला मंत्री, 4 महिला राज्यपाल, 50+ सांसद और 100 से ज्यादा विधायाक हैं। इसके अलावा मोदी सरकार की नीतियाँ नारी शक्ति के इर्द-गिर्द होती हैं।”
In his blind criticism of @RSSorg,this fellow made sexiest remark against Father of Nation.
— Vijaya Rahatkar (@VijayaRahatkar) September 15, 2021
He forget that Modi govt has 11 women ministers, 4 women Governors. BJP has +50 MPs,+100 MLAs.
Moreover, Modi govts policies centred around Narishakti @narendramodi @JPNadda @smritiirani https://t.co/muKtraIsXB
कुछ अज्ञात यूजर्स सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी की ऐसी बातों को सुन कर कह रहे हैं, “इसीलिए इनको राजनीति का पप्पू कहा जाता है।”
That’s why he is called pappu of politics. https://t.co/s75jODtMqd
— Unknown (@UnknownSigma200) September 15, 2021
दिलचस्प बात यह है कि महात्मा गाँधी के बारे में राहुल गाँधी की ऐसी टिप्पणी ने उस चर्चा को केंद्र में ला दिया है जिस पर बहुत कम दफा बात हुई है। ये मुद्दा ‘गाँधी का जीवन: ब्रह्मचर्य के साथ उनके प्रयोग’ से जुड़ा है। दरअसल, गाँधी की शादी 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गाँधी से हुई और दोनों ने सामान्य जीवन जिया। दोनों के 4 बच्चे भी हुए। अपनी जीवनी में गाँधी ने बताया कि कैसे वह स्कूल में भी कस्तूरबा गाँधी के बारे में सोचते थे और रात होने का ख्याल और दोनों की मुलाकात उन्हें सताती थी। वह अपनी पत्नी को पढ़ाना चाहते थे लेकिन प्रेम करने में उनको समय नहीं मिला। कुछ समय बाद उनकी सेक्स को लेकर धारणा बदल गई। वह अपनी पत्नी के साथ बिताए उन पलों पर खेद प्रकट करने लगे।
उन्होंने कई प्रयोग किए जो आज स्वीकारे भी न जाएँ। उन्होंने सत्य के प्रयोग के आश्रम बनाए और शुद्धता बनाए रखने पर जोर दिया। अगर ऐसा नहीं होता या वह कुछ यौन संबंधी बातें करते तो उन्हें सजा होती। आश्रम के इन नियमों ने शादीशुदा लोगों को भी एक साथ सोने की अनुमति नहीं थी। गाँधी की सलाह थी कि पतियों को अपनी पत्नियों के साथ अकेला नहीं रहना चाहिए। जब भी वह उत्तेजित महसूस करें तो ठंडे पानी से नहा लें।
एक ओर जहाँ सबके लिए नियम कुछ अलग थे वहीं गाँधी ने खुद को चुनौती देने के लिए अपने इर्द-गिर्द महिलाओं को इकट्ठा किया हुआ था। 1920 में वह युवा महिलाओं की कंधे पर हाथ रखकर सैर पर जाते और उन लड़कियों को अपनी छड़ी बताते। आभा और मनु उनकी छड़ी थीं। इसके बाद हर रोज नहाने के समय मसाज का चलन शुरू हो गया और धीरे-धीरे समय के साथ गाँधी के प्रयोगों में भी विस्तार हुआ। इसमें महिलाएँ उनके साथ सोतीं। ये सब उनके प्रयोग का हिस्सा था। जिसमें संयम आँका जाता था।
अब इन प्रयोगों के बारे में जानने के बाद ये असंभव है कि कोई राहुल गाँधी की बातों में आकर वैसे ही महिलाओं से इर्द-गिर्द होना चाहे लेकिन अब का दौर इसकी स्वीकृति नहीं देता।