Sunday, September 8, 2024
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DGP के साथ High Level मीटिंग में पंजाब के CM चन्नी के साथ उनके बेटे भी हुए शामिल, भाजपा ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण

एक रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स ने बताया कि ये घटना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है। ऐसे मीटिंग में किसी भी प्राइवेट व्यक्ति या फिर गैर-अधिकारिक लोगों का प्रवेेश गैर-कानूनी है।

पंजाब में नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जब से उन्होंने शपथ ली है, कोई न कोई चुनौती उनके सामने आ ही जा रही है। अब पंजाब के मुख्यमंत्री एक नए विवाद में पड़ते दिखाई दे रहे हैं। यह विवाद ऑफिशियल मीटिंग के दौरान चन्नी के बेटे की मौजूदगी को लेकर है। 

दरअसल पंजाब के डीजीपी की प्रदेश के अन्य अधिकारियों और मंत्रियों के साथ लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बैठक चल रही थी। इस मीटिंग में चन्नी के बेटे रिद्मजीत सिंह भी मौजूद थे। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें आने के साथ विवाद शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इसको लेकर मुख्यमंत्री चन्नी पर जोरदार हमला बोला है। पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इसे पूरी तरह से अनैतिक बताया है। 

अश्वनी शर्मा ने कहा कि चन्नी तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें नियमों के बारे में काफी अच्छे से पता है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक नियम-कायदों का हमेशा पालन किया जाना चाहिए। अश्वनी शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नियम-कानून को जानते हुए भी सीनियर ब्यूरोक्रेट्स ने इसकी इजाजत दी। इस बैठक में शिक्षा, खेल और एनआरआई मामलों के मंत्री परगट सिंह भी मौजूद थे।

एक रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ये घटना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है। ऐसे मीटिंग में किसी भी प्राइवेट व्यक्ति या फिर गैर-अधिकारिक लोगों का प्रवेेश गैर-कानूनी है। उन्होंने कहा, “ये एक असामान्य कार्य है और इतने ऊँचे पद पर बैठे व्यक्ति से इसकी उम्मीद नहीं की जाती है। सीएमओ में तैनात नौकरशाहों को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। ऐसी बैठकों में किसी अनधिकृत या निजी व्यक्ति की उपस्थिति राज्य के हित के खिलाफ है। ये मुख्यमंत्री द्वारा ली गई शपथ के भी खिलाफ है।”

उल्लेखनीय है कि नियमों के मुताबिक मुख्यमंत्री या किसी अन्य मंत्री के परिवार का कोई भी सदस्य इस तरह की ऑफिशियल मीटिंग में मौजूद नहीं रह सकता। अगर ऐसा होता है तो ये राज्य सरकार के कामकाज के नियमों का उल्लंघन है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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