दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार दक्षिणी दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित एक मंदिर को तोड़ेगी। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी है। दिल्ली सरकार के मुताबिक, सोमवार को अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने अदालत में यह दलील उस याचिका पर दी है, जिसमें एक संपत्ति के सामने हुए अतिक्रमण को ध्वस्त करने की माँग की गई थी। याचिकाकर्ता की माँग पर जस्टिस रेखा पल्ली ने संपत्ति के मालिक की तरफ से नोटिस जारी कर हौज खास डीसीपी से इस मामले में जवाब माँगा था। अदालत में अधिकारियों से हालात को लेकर एक रिपोर्ट सौपने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई को 8 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है।
अपनी याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोना पीरियड में किसी ने अवैध तरीके से एक मंदिर का निर्माण कर लिया था। उक्त मंदिर याचिकाकर्ता की संपत्ति के ठीक सामने स्थित है। याचिकाकर्ता का कहना है कि मंदिर होने का फायदा उठाते हुए लोग वहाँ पर इकट्ठे होते हैं और जुँआ खेलते हैं।
दिल्ली सरकार और डीसीपी दक्षिण दिल्ली की ओर से एडवोकेट अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत हैं और वो 4 अक्टूबर को ही इस ढाँचे को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही वकील ने दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत को आश्वस्त किया है कि मंदिर को ध्वस्त किए जाने के दौरान पुलिस की जरूरत होगी और दिल्ली पुलिस पीडब्ल्यूडी का सहयोग करेगी।
इसके साथ ही अदालत ने अवैध रूप से मंदिर बनाने वाले को भी नोटिस जारी किया है। हालाँकि, याचिका दायर करने वाले व्यक्ति को ही यह नहीं पता है कि वह निर्माण किसने करवाया था।
इससे पहले भी तोड़े गए थे मंदिर
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के चाँदनी चौक में पुनर्विकास परियोजना के तहत इसी साल जनवरी में बजरंग बली के मंदिर को तोड़ दिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी में जमकर बहस हुई थी।