Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाज'हिंदी राष्ट्रभाषा है, थोड़ी-बहुत सबको आनी चाहिए': ये कहने पर Zomato ने कर्मचारी को...

‘हिंदी राष्ट्रभाषा है, थोड़ी-बहुत सबको आनी चाहिए’: ये कहने पर Zomato ने कर्मचारी को कंपनी से निकाला, तमिल ग्राहक ने की थी शिकायत

"हम अपने एप का एक तमिल वर्जन भी बना रहे हैं। अनिरुद्ध रविचंद्र को हमने अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। हम अपना मार्केटंग कम्युनिकेशन यहाँ तमिल में ही कर रहे हैं। कोयम्बटूर में हम अपना लोकल कॉल सेंटर भी बना रहे हैं।"

रेस्टॉरेंट एग्रीगेटर और फ़ूड डिलीवरी कंपनी Zomato ने अपने एक कस्टमर केयर कर्मचारी को फायर कर दिया, क्योंकि उसने कहा था कि थोड़ी-बहुत हिंदी सभी को आनी चाहिए। विकास नाम के यूजर ने ट्विटर के माध्यम से कंपनी से शिकायत की थी। इसके बाद Zomato ने बयान जारी कर के सफाई दी। उक्त ग्राहक ने Zomato से रिफंड की माँग की थी, क्योंकि भोजन के मेनू में उसने जो ऑर्डर किया था, वो उसे नहीं मिला था।

इसीलिए, उसने कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव से बात की। कर्मचारी ने कहा कि वो रेस्टॉरेंट से बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भाषा की बाधा के कारण ये संभव नहीं हो पा रहा है। इस पर ग्राहक विकास ने कहा कि अगर Zomato तमिलनाडु में काम कर रहा है तो उसे ऐसे लोगों को हायर करना चाहिए, जो तमिल जानते हों। उसने किसी अन्य कर्मचारी को ट्रांसफर कर के अपने रिफंड की माँग की।

इस पर कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने लिखा, “आपको बता दें कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और सभी को इसकी थोड़ी-बहुत जानकारी होनी चाहिए।” इसके बाद उक्त कर्मचारी ने ग्राहक के साथ हुई गलती के लिए माफ़ी भी माँगी और इसे एक दुर्भाग्यशाली घटना बतया। विकास ने ट्विटर पर इस चैट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया और लिखा कि उक्त कर्मचारी तमिल नहीं जानता, इसीलिए मुझे झूठा बोल रहा है।

इसके बाद Zomato ने इस सम्बन्ध में बयान जारी कर के कहा कि वो अपने कस्टमर एजेंट के व्यवहार के लिए क्षमा माँगता है। उसने अपने बयान में कहा, “हमारी विविधता भरी संस्कृति को नजरअंदाज करने के लिए हमने उक्त कर्मचारी को हटा दिया है। हम अपने एजेंट्स को जिन संवेदनशीलता के लिए प्रशिक्षित करते हैं, ये व्यवहार इसके विपरीत था। ये हमारे प्रोटोकॉल्स के विरुद्ध था, इसीलिए हमने ये कार्रवाई की।”

अंग्रेजी और तमिल में जारी किए गए बयान में Zomato ने कहा, “हमारे कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव ने जो भी कहा, भाषा और विविधता के प्रति वो कंपनी की राय को नहीं दर्शाता। हम अपने एप का एक तमिल वर्जन भी बना रहे हैं। अनिरुद्ध रविचंद्र को हमने अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। हम अपना मार्केटंग कम्युनिकेशन यहाँ तमिल में ही कर रहे हैं। कोयम्बटूर में हम अपना लोकल कॉल सेंटर भी बना रहे हैं। हम जानते हैं कि भोजन और भाषा किसी भी स्थानीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, इसीलिए हम दोनों को गंभीरता से लेते हैं।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -