पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का असर देश के अन्य राज्यों में भी दिखने लगा है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने भी शुक्रवार (जून 14, 2019) को बंद रखने का फैसला किया है, वहीं महाराष्ट्र के रेजीडेंट डॉक्टर भी शुक्रवार को सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे।
Hyderabad: Doctors at Nizam's Institute of Medical Sciences hold protest march over violence against doctors at West Bengal's NRS Medical College & Hospital. pic.twitter.com/Y3BsYjxTZ8
— ANI (@ANI) June 14, 2019
हड़ताल के चलते मरीजों और उनके परिजनों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। बंगाल में डॉक्टरों द्वारा की जा रही हड़ताल को हर ओर से समर्थन प्राप्त हो रहा है। इस हड़ताल के कारण कई सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल के तीसरे दिन भी ओपीडी सेवाएँ, पैथोलॉजिकल इकाइयाँ और आपातकालीन वार्ड बंद रहे। इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी हड़ताल के चलते चिकित्सीय सेवाएँ बंद रहीं।
बंगाल के डॉक्टर कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक 75 वर्षीय मरीज की मौत के बाद, 200 लोगों की भीड़ द्वारा डॉक्टरों पर हमले के मद्देनजर प्रदर्शन कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी घटना के ख़िलाफ़ हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को अखिल भारतीय विरोध दिवस घोषित किया है।
#NewsAlert – ‘We have also decided to boycott work and observe ‘black day’ today to protest against the assault on doctors in West Bengal. It will be a pan-India strike and only emergency services will remain functional’: AIIMS RDA’s statement on #MedicalMayhem in West Bengal. pic.twitter.com/QDVha1sz8v
— News18 (@CNNnews18) June 14, 2019
दिल्ली में एम्स और सफदरजंग हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ कई संस्थाओं ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया है। सफदरजंग अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) ने भी बंद का आह्वान किया है। आरडीए के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश ठाकुर के मुताबिक, डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा नहीं रुकी तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। हालाँकि एम्स के महासचिव डॉक्टर के अनुसार इस बीच आपातकालीन सेवाएँ जारी रहेंगी, लेकिन ओपीडी, रूटीन सर्जरी और लैब में होने वाली जाँच बंद रहेगी।
#NewsAlert-कोलकाता के एक अस्पताल में डॉक्टर से मारपीट के मामले पर बवाल, देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन किया. pic.twitter.com/vUMItCTbCr
— News18 India (@News18India) June 14, 2019
बता दें बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तानाशाही रवैये के बाद भी डॉक्टर अपने काम पर नहीं लौटे। गुरुवार को दोपहर 2 बजे की समय सीमा ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के काम पर लौटने के लिए रखी थी, लेकिन डॉक्टर फिर भी हड़ताल पर बैठे रहे। इस हड़ताल के लिए ममता सरकार और भाजपा एक दूसरे पर आरोप मढ़ने में लगे हैं। ममता बनर्जी ने जहाँ डॉक्टरों के इस हड़ताल की निंदा करते हुए इसे माकपा और भाजपा का षडयंत्र बताया, वही विपक्ष का भी कहना है कि ममता हिटलर की तरह काम करती हैं।