महाराष्ट्र का अमरावती जिला 12 नवंबर (शुक्रवार) से जल रहा है। वहाँ पथराव और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने हालात को सँभालने के लिए सीआरपीसी की धारा 144(1), (2), (3) के तहत शहर में चार दिन का कर्फ्यू लगा दिया है। आदेश के अनुसार, सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी वाले लोग ही घर से बाहर निकल सकते हैं। साथ ही एक जगह पर पाँच से ज्यादा लोग नहीं इकट्ठा हो सकते हैं।
त्रिपुरा में एक मस्जिद को जलाने की कथित घटना के विरोध में मुस्लिम संगठनों द्वारा शुक्रवार को आयोजित की गई रैलियों के दौरान इन घटनाओं का सिलसिला शुरू हुआ। अमरावती के अलावा नांदेड़, मालेगाँव, वाशिम और यावतमाल में रैलियाँ आयोजित की गई थीं। इन रैलियों के लिए पुलिस की इजाजत भी नहीं ली गई थी। इस बीच अब त्रिपुरा पुलिस ने भी स्पष्ट किया है कि जिस कथित घटना को लेकर महाराष्ट्र में हिंसा हो रही है वो घटना हुई ही नहीं है।
गृह मंत्रालय ने की शांति बनाए रखने की अपील
इस घटना का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों से त्रिपुरा की फर्जी रिपोर्ट से गुमराह नहीं होने और हर हाल में शांति बनाए रखने की अपील की है। इस घटना को लेकर शनिवार को जारी एक प्रेस रिलीज कहा गया, “ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं कि त्रिपुरा में गोमती जिले के काकराबन इलाके की एक मस्जिद में तोड़-फोड़ की गई है। ये खबरें फर्जी हैं और तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है। काकराबन के दरगाबाजार इलाके की मस्जिद को कोई नुकसान नहीं हुआ है। गोमती जिले में शांति बनाए रखने के लिए त्रिपुरा पुलिस काम कर रही है।”
इसमें आगे कहा गया है, “त्रिपुरा में हाल के दिनों में किसी भी मस्जिद या अन्य ढाँचों पर हमले नहीं किए गए हैं। इन घटनाओं में किसी व्यक्ति को चोट लगने, किसी के साथ बलात्कार होने या किसी की मृत्यु होने की कोई खबर नहीं है, जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है। इसलिए लोगों को शांति बनाए रखते हुए झूठी खबरों से गुमराह नहीं होना चाहिए। जैसा कि महाराष्ट्र में हो रहा है। वहाँ से हिंसा की खबरें आ रही हैं और लोगों द्वारा आपत्तिजनक बयान दिए जा रहे हैं। यह बहुत ही चिंताजनक है।”
त्रिपुरा में पिछले महीने हुई घटना को लेकर शुक्रवार को महाराष्ट्र के अमरावती, नांदेड़, मालेगाँव, वाशिम और यवतमाल में कट्टरपंथी मुस्लिमों संगठनों ने रैली निकाली और हिंदुओं को टार्गेट कर पथराव किया। शुक्रवार को हुई उस वारदात के मामले में पुलिस ने दंगा भड़काने समेत विभिन्न आरोपों के तहत 20 केस दर्ज करते हुए 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और 4 लोगों को हिरासत में लिया है।
क्या हुआ अमरावती में?
शुक्रवार को 8,000 मुस्लिमों की भीड़ अमरावती के जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन सौंपने के लिए निकली थी। यह भीड़ त्रिपुरा में मुस्लिमों के खिलाफ कथित अत्याचारों के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रही थी। लौटने के दौरान भीड़ ने कॉटन मार्केट और चित्रा चौक के बीच कई जगहों पर हिंसा को अंजाम दिया।
इस दौरान एक विचलित करने वाला वीडियो भी सामने आया, जिसमें एक मुस्लिम बच्चा भी इस प्रोपेगेंडा में शामिल दिखा। ट्विटर यूजर MVAgovt ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि इस्लामी टोपी पहना एक छोटा बच्चा हाथ में एक पोस्टर लिए हुए था और दुकानदार से दुकान बंद करने के बारे में पूछ रहा था। पोस्टर में लिखा था, “क्या आप रसूलल्लाह की इज्जत के लिए अपनी दुकान और कारोबार 12 नवंबर को बंद रख सकते हैं?”
You have to give it to them. Their propaganda indoctrination starts at a very early age. https://t.co/st62Q8yGbF pic.twitter.com/hKABKOxlPs
— Maha Vinash Aghadi ᴾᵃʳᵒᵈʸ (@MVAGovt) November 12, 2021
इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो भरे पड़े हैं, जिसमें स्पष्ट दिख रहा है कि कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ हिंदुओं को टार्गेट कर उनकी दुकानों में तोड़फोड़ और पथराव कर रही है। इसी तरह के एक वीडियो में एक हिंदू के मथुरा भोजनालय के बाहर मुस्लिमों की भीड़ ‘अल्लाह हू अकबर’ चिल्ला रही है।
वहां @akshaykumar की सूर्यवंशी में हिंदुओं को धर्मनिरपेक्षता का ज्ञान दिया गया यहां आज अमरावती में विशेष समुदाय के लोगो ने तिरंगा हाथ मे थामे दुकानों में तोड़फोड़ कर लूटी गयी । कपड़ों और नारों से पहचाना जा सकता हैं कि लोग कौन हैं । धन्य हो महाराष्ट्र सरकार । pic.twitter.com/ycJbztyrc1
— Karan Sharma (@iKaranSharma99) November 12, 2021
पहले पार्ट में भीड़ नारेबाजी करती नजर आ रही है। दूसरे भाग में एक किराना की दुकान दिख रही है, जिसका मालिक यह कह रहा है कि उसकी दुकान में 20 दंगाई जबरदस्ती घुस गए थे। वहीं एक अन्य व्यक्ति ने उन्मादी भीड़ पर बच्चों को पीटने का आरोप लगाया। साझा किए गए एक अन्य वीडियो में दिख रहा है कि सैकड़ों मुस्लिमों की भीड़ बाजार में घूम-घूमकर हिंदुओं की दुकानों में तोड़फोड़ करते हुए उसे बंद करा रही है। वीडियो में बैकग्राउंड से आ रही आवाज में सुना जा सकता है कि जिस दुकान पर हमला हुआ, वह गुप्ता नाम के एक व्यक्ति की थी। खास बात यह है कि इस दौरान पुलिस नदारद रही।
One more disturbing video from #Amravati https://t.co/tO8mtmSzag pic.twitter.com/rRPh8coKmg
— Karan Sharma (@iKaranSharma99) November 12, 2021
कुछ तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि उन्मादी भीड़ गाड़ियों में तोड़फोड़ कर रही है। हिंदू भी घायल दिख रहे हैं।
Cars vandalised, shop owners were beaten by so called peacefull community in #Amravati https://t.co/2e2i53shnA pic.twitter.com/UUKD053Cbb
— Karan Sharma (@iKaranSharma99) November 12, 2021
एक अन्य यूजर ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोग हाथों में तलवार लेकर घूम रहे हैं। यूजर ने लिखा, “महाराष्ट्र के अमरावती में मुस्लिम भीड़ हिंदुओं पर हमला करने के लिए जा रही है।”
This is how Muslim mob is going for attacking on Hindus in Maharashtra’s Amravati @OfficeofUT @AmitShah pic.twitter.com/CXwd5SDXrB
— Harshraj Batham (@BathamHarshraj) November 13, 2021
इसी तरह के दृश्य कई अन्य वीडियो में भी दिख रहे हैं।
Aaj dooahr Maharashtra ke Amravati shehar me muk morcha ke naam par visheh smudaay, shanti dooto dwaara ki gayi tod fod, lootpaat maarpit shehar me dehshat ka mahol Hinduo ko banaya gaya nishana.. pic.twitter.com/RdG03AIEiY
— Akash gupta@Hindustani (@AKASH_GUPTA1550) November 12, 2021
I was at the ground zero last night in amravati where the riot took place. Only hindu shops were vandalized by the miscreants.
— Aadinath Patwardhan (@AdityaPatward12) November 13, 2021
Mathura bhojanalay. #Maharashtra #MaharashtraRiots pic.twitter.com/gJ0mbAOKh2
Muslim terror organisation Reza Academy who are known to fund Islamic terror and attacking Hindus have now started #MaharastraRiots
— Arun Pudur (@arunpudur) November 13, 2021
Muslims from Namuna galli, #Amravati started pelting stones & attacking Hindus.
pic.twitter.com/0axMaxHRBt
बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में उन्मादी मुस्लिमों की भीड़ द्वारा मचाए गए उत्पात की निंदा करते हुए कहा, “त्रिपुरा में जो घटना ही नहीं घटी, उसको लेकर जिस तरह से महाराष्ट्र में दंगे हो रहे हैं, ये बिल्कुल गलत है। त्रिपुरा में जिस मस्जिद को जलाए जाने की अफवाह उड़ाई गई, वहाँ की पुलिस ने उस मस्जिद की फोटो जारी की है।” उन्होंने राजनीतिक दलों से भी भड़काऊ भाषण से बचने की अपील की है।