Sunday, November 24, 2024
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‘गौमूत्र पियो, गोबर का ज्वाइंट फूंको’ : कृषि कानून निरस्त होने की घोषणा पर झूमे कट्टरपंथी-वामपंथी, इस्तेमाल की ‘आतंकी’ वाली भाषा

गौमूत्र के नाम पर हिंदुओं से दिखाई गई घृणा कोई नई नहीं है। इस हिंदूफोबिक टिप्पणी का इस्तेमाल साल 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने भी किया था।

किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से लाए गए तीन कृषि कानूनों को जब से मोदी सरकार ने वापिस लेने का ऐलान है, तभी से मोदी समर्थकों को ‘गौमूत्र’ और ‘गोबर’ का नाम ले लेकर निशाना बनाया जा रहा है। ट्रोलर्स, भाजपा समर्थकों को अपशब्द बोलने का एक मौका भी नहीं छोड़ना चाहते।

एक गालीबाज ट्रोल तो लिखता है, “साफतौर पर पीएम मोगी ने कृषि कानून वापस लेने पर जनता को संबोधित करते हुए गोबर का फेशियल करवाया होगा।”

अन्य ट्रोल (@KungfuPasmanda) ने कहा कि पार्टी के ऐसे यूटर्न पर उनके समर्थकों को गोबर खाने का आदी होना चाहिए। इसने लिखा, “ऐसे अवसरों पर गोबर खाने की प्रथा भक्तों के काम आती है। विरोध करने वालों तक खबर पहुँचने से पहले ही आईटी सेल ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का बचाव करना शुरू कर दिया है।”

पत्रकार अमीश देवगन को गाली देते हुए साबिर हुसैन नाम के एक इस्लामी ने लिखा, “आज सुबह सबसे पहले गाय का पेशाब पिया?”

एक ट्रोल ने लिखा, “आज, अकेले गौमूत्र पर्याप्त नहीं होगा। वे गोबर के ज्वाइंट को भी फूँकेंगे।”

इसी प्रकार @Subhashitani1 की आईडी से टाइम्स नाऊ जर्नलिस्ट राहुल शिवशंकर को गौमूत्र पीने को कहा गया। इस ट्रोल ने उन्हें लिखा, “हवन करो, गौमूत्र टैंक भरके पियो, अभिषेक करो…कुछ तो करो।” दिसचस्प यह है कि राहुल ने अपने ट्वीट में पूछा था कि जैसे कृषि कानून वापस हो गए। क्या अब अनुच्छेद 370 और CAA भी वापिस होगा?

खालिस्तानी प्रभाव बढ़ने पर जब किसी ने चिंता जाहिर की तो एक ट्रोल आया और उसने कहा, “मोदी की प्रसिद्धि हमारी सोच से भी ज्यादा तेजी से नाले में जा रही है। यही सच है। तुम्हारा गौमूत्र से भरा दिमाग इसे नहीं झेलेगा। छोड़ो।”

गौमूत्र का उपहास: आतंकी की भाषा

बता दें कि ‘गौमूत्र’ के नाम पर हिंदुओं से दिखाई गई घृणा कोई नई नहीं है। इस हिंदूफोबिक टिप्पणी का इस्तेमाल साल 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने भी किया था। उसने एक वीडियो रिलीज की थी और उसमें वह कहता सुना गया था कि वो गाय का पेशाब पीने वाले लोगों को अल्लाह के नाम पर मारना चाहता है। इस आतंकी की पहचान आदिल अहमद डार के तौर पर हुई थी। उसने पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबल पर हमला करने से एक साल पहले ही जैश-ए-मोहम्मद को ज्वाइन किया था।

कृषि कानून वापस लेने की घोषणा

आज 19 नवंबर 2021 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया। पीएम मोदी ने उन लाखों किसानों को धन्यवाद दिया जिन्होंने कृषि कानूनों की सराहना की, जिन्हें उचित विचार-विमर्श और ईमानदार इरादों के साथ पेश किया गया था। आज पीएम ने कहा कि सरकार ने किसानों के लाभ के लिए पारित किए गए 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है।

पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस महीने के अंत तक मोदी सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया को पूरा कर लेगी। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों और बिचौलियों से इस गुरु परब पर अपने घरों को लौटने और अपना धरना बंद करने की अपील की। उन्होंने आगे कहा कि सरकार किसानों के हित के लिए कानून बनाने के लिए एक कमेटी बनाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने उचित विचार-विमर्श के बाद कानून पेश किया था लेकिन शायद यह सरकार की कमी थी कि वे सभी किसानों को यह नहीं समझा सके कि कानून वास्तव में उनके लाभ में थे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इन कानूनों पर भी विचार किया था लेकिन यह मोदी सरकार थी जिसने उन्हें लागू किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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