Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीययहाँ हिंदी पर बवाल है वहाँ नेपाल के स्कूलों में चीनी भाषा पढ़ाना अनिवार्य,...

यहाँ हिंदी पर बवाल है वहाँ नेपाल के स्कूलों में चीनी भाषा पढ़ाना अनिवार्य, चीनी सरकार दे रही सैलरी

चीनी सरकार ने नेपाल सरकार से कहा है बच्चों को मेंडारिन सिखाने वाले शिक्षकों को चीनी सरकार वेतन देगी। नेपाल के 10 बड़े स्कूलों के प्राचार्य और स्टाफ ने बताया कि चीनी भाषा पहले ही अनिवार्य विषय के रूप में शामिल। इसके शिक्षकों की सैलरी काठमांडू में चीनी दूतावास से दी जाती है।

नेपाल के कई स्कूलों में छात्रों के लिए चीनी भाषा मेंडारिन सीखना अनिवार्य कर दिया गया है। खबर के मुताबिक, चीनी सरकार ने नेपाल सरकार से कहा है बच्चों को मेंडारिन सिखाने वाले शिक्षकों को चीनी सरकार वेतन देगी। नेपाल के 10 बड़े स्कूलों के प्राचार्य और स्टाफ ने बताया कि चीनी भाषा पहले ही अनिवार्य विषय के रूप में शामिल। इसके शिक्षकों की सैलरी काठमांडू में चीनी दूतावास से दी जाती है। एलआरआई स्कूल के फाउंडर शिवराज पंत ने कहा कि पोखरा, धुलीखेल और देश के कुछ अन्य हिस्सों में कई निजी स्कूलों में भी चीनी भाषा को विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

सरकारी पाठ्यक्रम विभाग के सूचना अधिकारी गणेश प्रसाद भट्टारी ने इस बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘स्कूलों को विदेशी भाषा पढ़ाने की अनुमति है। मगर वे किसी भी विषय को विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य नहीं कर सकते हैं। यदि कोई विषय अनिवार्य करना भी है तो इसका निर्णय सरकार करती है। यह अधिकार स्कूलों के पास नहीं है।’’

वहीं, युनाइटेड स्कूल के प्राचार्य कुलदीप नुपेन ने बताया कि उन्होंने 2 साल पहले ही मेंडारिन को अनिवार्य विषय के तौर पर लागू कर दिया था। इसके लिए चीनी दूतावास ने मुफ्त में शिक्षक मुहैया कराए जाने की बात कही थी। नेपाल में स्कूलों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा सरकार के पाठ्यक्रम विकास केंद्र के पास है। स्कूल में चीनी भाषा पढ़ाए जाने की जानकारी उनके पास है। मगर उन्होंने मुफ्त में मिल रहे मेंडारिन शिक्षकों को देखते हुए इस भाषा को अनिवार्य कर दिया।

शुवातारा स्कूल के प्राचार्य ख्याम नाथ तिमसिना ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि उनका मानना है कि बच्चों को अपनी पसंद बताने की अनुमति मिलनी चाहिए और यदि कोई जापानी या जर्मन पढ़ाना चाहे, तो वो उनका भी स्वागत करेंगे। इसके साथ ही एपेक्स लाइफ स्कूल के प्राचार्य हरि दहल ने बताया कि वो चीनी शिक्षकों को सिर्फ उनके आने-जाने और भोजन का भत्ता देते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

संभल में जहाँ मिली 3 मंजिला बावड़ी, वह कभी हिंदू बहुल इलाका था: रानी की पोती आई सामने, बताया- हमारा बचपन यहीं बीता, बदायूँ...

संभल में रानी की बावड़ी की खुदाई जारी है। इसे बिलारी के राजा के नाना ने बनवाया था। राजकुमारी शिप्रा ने बताया यहाँ की कहानी।

अब इस्लामी कानून से ब्रिटेन को हाँक रहे मुस्लिम, चल रहे 85 शरिया कोर्ट: 4 बीवी की रवायत को बढ़ावा, ग्रूमिंग गैंग के आतंक...

इंग्लैंड में वर्तमान में 85 ऐसी शरिया अदालतें चल रही हैं। मुस्लिमों के मसलों से निपटने के लिए बनाई गई यह शरिया अदालतें पूरे इंग्लैंड में फैली हुई हैं।
- विज्ञापन -