Friday, October 18, 2024
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‘पैगंबर’ पर बयान को लेकर जितेंद्र त्यागी के खिलाफ कोर्ट पहुँचा मुस्लिम संगठन, याचिका में कहा- 1400 सालों में किसी ने कुरान पर सवाल नहीं उठाया

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर धर्मान्तरण कर हिंदू धर्म अपना लिया था। इसके बाद उनका नाम बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी हो गया है। उन्होंने गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद गिरि की मौजूदगी में घरवापसी की।

उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी (Jitendra Narayan Tyagi) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर कर इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) और कुरान (Quran) को लेकर उन्हें बयान देने से रोकने की माँग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देकर वह माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट में यह याचिका हजरत ख्वाजा गरीब नवाज एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी ने वकील साहेर नकवी के जरिए दायर की है। इसमें जितेंद्र नारायण त्यागी पर सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर बयान देने से रोकने के लिए निर्देश देने की माँग की गई है। याचिकाकर्ता अंसारी ने जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ पैगंबर और कुरान के खिलाफ बयान देकर ‘ईशनिंदा’ करने के मामले में गृह मंत्रालय को भी लिखा है।

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में आरोप लगाया है कि वसीम रिजवी उर्फ जीतेंद्र नारायण त्यागी ने अपनी किताब ‘𝐌𝐨𝐡𝐚𝐦𝐦𝐚𝐝’ में 19 बार ‘इस्लामी आतंकवाद’ और ‘हुनैन का बलात्कार कांड’ जैसे शब्दों का जिक्र किया है, जो कि सामाजिक शांति और सुरक्षा के लिए खतरनाक है। याचिका में त्यागी को आपराधिक दिमाग वाला व्यक्ति बताया गया है। साथ ही यह भी दावा किया गया है कि त्यागी के खिलाफ विभिन्न थानों में 27 मामले दर्ज किए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की माँग की गई है।

इसके अलावा याचिका में दावा किया गया है कि कुरान का 1400 साल पुराना इतिहास है, लेकिन इस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया गया। रिजवी किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं। उनके पास मानवता की कमी है।

क्यों बढ़ी जीतेंद्र नारायण त्यागी की मुश्किलें?

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर धर्मान्तरण कर हिंदू धर्म अपना लिया था। इसके बाद उनका नाम बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी हो गया है। उन्होंने गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद गिरि की मौजूदगी में घरवापसी की। इस दौरान कई अनुष्ठान भी हुए।

हिंदू धर्म अपनाने के बाद रिजवी ने कहा, “मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूँ।” यहाँ इस बात का भी उल्लेख कर दें कि हाल ही में हैदराबाद के कॉन्ग्रेस नेता मोहम्मद फिरोज खान ने ‘शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड’ के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (अब जितेंद्र नारायण त्यागी) के सिर पर 50 लाख रुपए का इनाम रखा था।

वायरल वीडियो में कॉन्ग्रेस नेता ऐलान करते दिख रहे हैं कि जो भी सैयद वसीम रिजवी का सिर कलम करेगा, उसे 50 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। इस वीडियो को सबसे पहले 25 नवंबर 2021 को ‘Voiceup Media’ नामक यूट्यूब चैनल ने शेयर किया था। इस वीडियो में मोहम्मद फिरोज खान वसीम रिजवी को लेकर अभद्र और गाली वाली भाषा का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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