अजय माकन ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। एक ट्वीट के द्वारा अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए माकन ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। अजय ने अपने बयान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को भी उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
2015 विधान सभा के उपरान्त-
— Ajay Maken (@ajaymaken) January 4, 2019
बतौर @INCDelhi अध्यक्ष-पिछले 4 वर्षों से,दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा,कांग्रेस कवर करने वाली मीडिया द्वारा,एवं हमारे नेता @RahulGandhi जी द्वारा,मुझे अपार स्नेह तथा सहयोग मिला है।
इन कठिन परिस्थितियों में यह आसान नहीं था! इसके लिए ह्रदय से आभार!
ख़बरों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के साथ दिल्ली कांग्रेस में पार्टी मामलों के प्रभारी पीसी चाको और अजय माकन की गुरुवार शाम को एक बैठक हुई जिसमे राहुल ने माकन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। अजय माकन को 2015 में दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था और पीछे साल सितम्बर में भी उनके इस्तीफे की खबर उड़ी थी जिसे कांग्रेस पार्टी ने उस समय नकार दिया था। यूपीए के शासनकाल में केंद्रीय मंत्री रहे अजय माकन दो बार लोकसभा सांसद और तीन बार दिल्ली से विधायक रह चुके हैं।
तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित ने एक बयान देते हुए कहा है कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें दिल्ली में कांग्रेस की टीम का नेतृत्व करने का मौका देता है तो वह उसके लिए पूरी तरह तैयार है। इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें उनके प्रतिद्वंदी अरविन्द केजरीवाल के लिए प्रचार करने को कहती है तो वह उसके लिए भी तैयार हैं। ज्ञात हो कि 2013 के दिल्ली चुनावों में केजरीवाल ने शीला दीक्षित को ही मुख्यतः अपने निशाने पर रखा था और उनके खिलाफ धुआंधार प्रचार कर पहली बार सत्ता पर काबिज़ हुए थे।
अभी कुछ महीनों पहले ही फ्रांस में शीला दीक्षित की हार्ट सर्जरी हुई थी और वो काफी दिनों से बीमार भी थी। बीते अप्रैल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उनका हालचाल लेने उनके निवास पर भी पहुंचे थे। उस से पहले शीला ने अपनी हार्ट सर्जरी में हो रही देरी के लिए दिल्ली की आआप सरकार को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि सरकार द्वारा समय पर खर्चे की मंजूरी न देने के कारण उनकी सर्जरी में विलम्ब हुआ। अब उनके नए बयानों से ये साफ़ हो गया है कि वो केजरीवाल के साथ हाथ मिलाने और उनके साथ अपनी राजनितिक दुश्मनी को भुलाने के लिए तैयार हैं।
दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस और AAP के बीच चुनावी गठबंधन के लिए अगर कोई बातचीत चल भी रही तो वह अभी उनसे अनभिज्ञ है लेकिन किसी भी अंतिम निर्णय तक पहुँचने से पहले सभी पहलू को ध्यान में रखा जायेगा। शीला दीक्षित ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि इन सब मामलो में सामान्य पार्टी कार्यकर्ताओं की राय नहीं ली जा सकती है और हमे हर हाल में आलाकमान का जो भी फैसला हो उसे ही मानना पड़ता है।
हलांकि AAP से गठबंधन या अगले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कांग्रेस ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है और इस बारे में कोई आधिकारिक बयान भी नहीं आया है। अब देखना यह है कि माकन के ताजा इस्तीफे के बाद पार्टी की दिल्ली में रणनीति क्या रहती है। इस साल लोकसभा के चुनाव भी होने वाले हैं और अभी दिल्ली की सात की सात लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में है, ऐसे में दिल्ली कांग्रेस में क्या बदलाव किया जाता है इसपर सबकी नजरें टिकी हुई है।