Sunday, December 22, 2024
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बिहार के वोटर: ‘लापता’ MLA जब मिलने आए तो बनाया बंधक, पैसे और दवाई लेने के बाद छोड़ा

नाराज ग्रामीणों का कहना था कि बीमारी से बच्चों की मौत हो जाती है और विधायक इसकी सुध लेने भी नहीं आते हैं। जब कुछ लोग उन्हें मौजूदा हालात के बारे में बताने गए तो दरवाजे से धक्का देकर बाहर कर दिया गया था।

वैशाली के हरिवंशपुर गाँव में शनिवार (जून 22, 2019) को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सुप्रीमो रामविलास पासवान और स्थानीय विधायक के लापता होने का पोस्टर लगने के बाद रविवार (जून 23, 2019) को हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस और लालगंज के लोजपा विधायक राजकुमार साह हरिवंशपुर पहुँचे। यहाँ दोनों को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। लोग इतने गुस्से में थे कि कोई सांसद को दरवाजे पर कुर्सी तक देने को तैयार नहीं था। उग्र ग्रामीणों ने विधायक को बंधक बना लिया

विधायक के बंधक बनाए जाने की खबर मिलते ही पुलिस विभाग में खलबली मच गई। भारी तादात में पुलिस फोर्स वहाँ पहुँच गई, लेकिन ग्रामीण राजकुमार शाह को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। काफी समझाने के बाद शाह ने पीड़ित परिवारों को ₹5,000 की आर्थिक सहायता दी और साथ ही जरूरी दवाओं का वितरण किया, तब जाकर लोगों ने विधायक को जाने दिया।

दरअसल, गाँव में बीते 10 दिनों में चमकी बुखार से 7 बच्चों की मौत हो चुकी है। 7 बच्चों की मौत के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि के गाँव में नहीं पहुँचने पर लोग काफी नाराज थे। नाराज ग्रामीणों का कहना था कि बीमारी से बच्चों की मौत हो जाती है और विधायक इसकी सुध लेने भी नहीं आते हैं। गाँव के निवासी उनसे काफी आक्रोशित थे। ग्रामीण उनसे पूछ रहे थे कि वो उस वक्त कहाँ थे जब वो लोग ऐसी विकट स्थिति से जूझ रहे थे कि उनके पास पानी भी नहीं था। एक ग्रामीण ने तो यहाँ तक कह दिया कि विधायक के पास गाँव वालों की समस्याएँ सुनने का भी समय नहीं है। जब कुछ लोग उन्हें मौजूदा हालात के बारे में बताने के लिए गए तो उनके बेटे ने उन लोगों को दरवाजे से धक्का देकर बाहर कर दिया।

गौरतलब है कि, शनिवार (जून 22, 2019) को हरिवंशपुर के ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और स्थानीय  विधायक के लापता होने के पेस्टर लगाए थे। इन पोस्टरों पर विधायक को खोजने के लिए ₹5000 और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को खोजने के लिए ₹15000 के इनाम की घोषणा की गई थी। बैनर पर निवेदक के रूप में हरिवंशपुर के पीड़ित परिवार लिखा हुआ था। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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