पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने देश के लिए नई सुरक्षा नीति बनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 100 पन्नों की नीति को जन-केंद्रित और मील का पत्थर बताया गया है। कहा गया कि यह पाकिस्तान को आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा। इस नीति का अनावरण शुक्रवार (14 जनवरी 2022) को प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे।
इस्लामाबाद नीति अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक हुसैन नदीम ने पाकिस्तान की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति शुरू करने को लेकर अपने उत्साह को साझा किया। उन्होंने पॉलिसी पेपर की पहली तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, “इस शुक्रवार को लॉन्च की उम्मीद है।”
Looking forward to the launch of Pakistan’s very first national security policy this Friday. pic.twitter.com/SHK5GoE31G
— Hussain Nadim (@HNadim87) January 11, 2022
पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के सार्वजनिक संस्करण को जारी करने से बहस शुरू हो जाएगी। इसलिए शुक्रवार को पूरी नीति को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। अधिकारी के अनुसार हर साल और सरकार बदलने के समय नीति की समीक्षा की जाएगी। उक्त राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की मंजूरी मिलने के एक दिन बाद 28 दिसंबर को संघीय कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था। नीति में बताया गया है कि आने वाले वर्षों में देश को किस दिशा में जाना चाहिए।
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के पास अलग-अलग रक्षा, विदेश और आंतरिक नीतियाँ हैं। नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति भविष्य के लिए दिशा प्रदान करने वाले एक “अम्ब्रेला डॉक्यूमेंट” (Umbrella Document) के रूप में कार्य करेगी।
पाकिस्तान हमेशा भारत के लिए एक चिंता का विषय रहा है। इस बीच पाक ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में पड़ोसियों के साथ तत्काल शांति की माँग की है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान अगले 100 सालों तक भारत के साथ दुश्मनी नहीं करेगा और आने वाले दिनों में पाकिस्तान अपनी विदेश नीति के तहत पड़ोसी देशों के साथ शांति कायम करने और आर्थिक कूटनीति को बढ़ाने की तरफ ध्यान देगा।
हालाँकि, पड़ोसी देश ने स्पष्ट किया है कि पीएम मोदी के सत्ता में रहने तक भारत के साथ चीजों को सुलझाने की उनकी कोई योजना नहीं है। पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों में से एक ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से बात करते हुए स्पष्ट किया कि ‘नई दिल्ली में मौजूदा मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत भारत के साथ तालमेल की कोई संभावना नहीं है।’
नई सुरक्षा नीति में भारत के साथ आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को बहाल करने की बात कही गई है। यानी, आने वाले दिनों में पाकिस्तान भारत के साथ एक बार फिर से व्यापारिक रिश्ते कायम कर सकता है और उसमें कश्मीर मुद्दो को विवाद नहीं बनाया जाएगा।
बता दें कि मोदी सरकार ने 2019 में जब से कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म किया है, उसके बाद से पाकिस्तान भारत के साथ तमाम व्यापारिक संबंध भी खत्म कर चुका है। पाकिस्तान ने तब राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड कर दिया था और भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया था।
मालूम हो कि पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद पहले तीस वर्षों तक, उनकी सुरक्षा नीति भारत केंद्रित रही है, जिसके परिणामस्वरूप 1948, 1965 और 1971 में तीन बड़े युद्ध हुए। पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व जिहादी मानसिकता से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसकी कट्टरपंथियों और आतंकवादियों को संरक्षण देने के लिए हमेशा आलोचना भी होती रही है। बताया गया कि इस बार नीति निर्माताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया है और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया है।