कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (बुर्का) पहन कर जाने की मुस्लिम छात्र-छात्राओं की माँग अब हिंसक प्रदर्शनों में बदल गई है। शिमोगा में हिजाब के समर्थन में मुस्लिम छात्रों ने कॉलेज पर पत्थरबाजी की। इसके बाद वहाँ धारा-144 लगा दी गई है। पत्थरबाजी के वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने कहा कि संविधान की बात करने वालों ने एक बार फिर से पत्थर उठा लिए। बता दें कि वहाँ मुस्लिम और हिन्दू छात्रों के बीच झड़प के वीडियोज भी सामने आए हैं।
This is from another city where they try to threaten Hindu students who were going to college with saffron shawls. Police intervened pic.twitter.com/f1ym0ImMXD
— Akshay (@AkshayKatariyaa) February 8, 2022
कर्नाटक के कई इलाकों में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहन कर आने के विरोध में भगवा शॉल के साथ प्रदर्शन करने के लिए निकले हिन्दू छात्रों के साथ बदतमीजी भी की गई और उन्हें धमकाया गया। पुलिस के बीच-बचाव से मामला शांत हुआ। साथ ही शिवमोगा मर भगवा ध्वज फहराने के वीडियोज भी सामने आए हैं। स्कूल में बड़ी संख्या में दोनों समुदायों के छात्र-छात्राएँ मौजूद हैं। उच्च-न्यायालय में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है। सभी की नजरें वहाँ टिकी हुई हैं।
उधर उडुपी के महात्मा गाँधी मेमोरियल कालेज में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। हिजाब पहनकर प्रदर्शन कर रही छात्राओं के जवाब में भगवा गमछा में छात्रों ने प्रदर्शन किया। कुछ छात्राएँ महात्मा गाँधी मेमोरियल कॉलेज परिसर में हिजाब विवाद को लेकर प्रदर्शन कर रही थीं। तभी वहाँ छात्रों का एक समूह पहुँच गया। इस दौरान भगवा गमछा पहने छात्रों ने छात्राओं के सामने ही नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस-प्रशासन ने छात्रों को समझाने की कोशिश करते हुए उनसे क्लास में वापस जाने को कहा।
भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।