Sunday, September 8, 2024
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‘गुजरात को शाहीन बाग बनाने की साजिश’: स्कूल में हिजाब पहन पहुंचीं मुस्लिम छात्राएँ, विरोध पर 15 VHP कार्यकर्ता हिरासत में

विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के बाद मामले को लेकर इंस्पेक्टर राठौड़ ने कहा कि स्कूल में हिजाब पहनकर आने वाली मुस्लिम छात्राएँ वहाँ की छात्राएँ नहीं थी।

कर्नाटक (Karnataka) हिजाब (Hijab) विवाद का जिन्न गुजरात (Gujrat) भी पहुँच गया है। सूरत (Surat) जिले के एक स्कूल में हिजाब पहनी लड़कियों का विरोध करने के आरोप में विश्व हिन्दू परिषद के 12 से 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है। विहिप कार्यकर्ताओं को दिल्ली का शाहीन बाग बनाने की साजिशों के तहत हिजाब पहनी लड़कियों को स्कूल भेजा गया था। कपोदरा थाने के इंस्पेक्टर एमबी राठौड़ ने है कि विहिप के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण ढंग से ही अपना विरोध जता रहे थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के बाद मामले को लेकर इंस्पेक्टर राठौड़ ने कहा कि स्कूल में हिजाब पहनकर आने वाली मुस्लिम छात्राएँ वहाँ की छात्राएँ नहीं थी। दरअसल वो सभी प्रतियोगी छात्राएँ थीं और हिजाब पहनकर परीक्षा की तैयारी करने के लिए आई थीं। हिजाब में लड़कियों को देख वीएचपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू किया तो स्कूल के प्रिंसिपल ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस वहाँ गई और उन्हें पकड़कर थाने ले आई।

बताया जा रहा है कि ये घटना सूरत के वराछा स्थित पीपी सपाणी स्कूल की है। हिजाब पहनी लड़कियों का वीडियो बनाकर स्कूल के ही कुछ लड़कों ने वीएचपी के कार्यकर्ताओं को फॉरवर्ड किया था। वीएचपी नेता नीलेश अकबरी के मुताबिक, ये गुजरात शाहीन बाग बनाने की साजिश चल रही है। इसी को लेकर हमने स्कूल के प्रिंसिपल से ड्रेस कोड को लेकर सवाल किया था।

कर्नाटक से उठा था हिजाब विवाद

गौरतलब है कि मुस्लिम लड़कियों द्वारा शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनने को लेकर कर्नाटक के उडुपी जिले से शुरू हुआ था। पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं है। प्रिंसिपल के मुताबिक, कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। हालाँकि, मुस्लिम हिजाब को अपना मौलिक अधिकार बताते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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