अयोध्या में रामजन्मभूमि पर निर्माणाधीन मंदिर की निर्माण तेजी से हो रहा है। मंगलवार से शुरू हुए राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंदिर निर्माण की समीक्षा के साथ दर्शनार्थियों की अनुमानित वृद्धि और उनकी जरूरतों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
आज राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के नेतृत्व में दूसरे दिन की बैठक सम्प्पन्न हुई और आखिरी दिन ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया कि राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 30% पूरा हो चुका है।
चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दीर्घकालिक योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत राम मंदिर परिसर में अगर 2 लाख श्रद्धालु भी एक साथ दर्शन के लिए पहुँचते हैं तो उनको किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
इसके साथ ही परिसर में 50 हजार श्रद्धालुओं के सामान रखने की भी सुविधा दी जाएगी, ताकि श्रद्धालु अपने सामानों को वहाँ पर रखकर रामलला का दर्शन पूजन कर सकें।
इसके साथ ही मंदिर परिसर में इतनी बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों के लिए प्रसाधन और उनके लिए विश्रामालय भी निर्मित किया जाएगा। उनके अनुसार बैठक में आपातकालीन परिस्थितियों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ आसानी से परिसर के विभिन्न हिस्सों में पहुँच सकें और आग पर काबू के लिए समुचित पानी का प्रबंध हो, इस विषय पर भी विचार किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो दिनों की समीक्षा बैठक में राम मंदिर के अलावा शेष 70 एकड़ के परिसर में सांस्कृतिक उप नगरी विकसित किए जाने की कार्ययोजना पर भी विचार किया गया।
बैठक में चंपतराय सहित राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि, सदस्य एवं अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र, महंत दिनेंद्रदास, कामेश्वर चौपाल सहित मंदिर के मुख्य शिल्पी सीके सोमपुरा के पुत्र एवं प्रतिनिधि आशीष सोमपुरा, कार्यदायी संस्था एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।