Sunday, September 8, 2024
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‘मेरा स्टैंड राष्ट्रहित वाला’: जम्मू कश्मीर में कॉन्ग्रेस को तगड़ा झटका, महाराजा हरि सिंह के पोते ने छोड़ी पार्टी

पत्र में उन्होंने लिखा है कि वो त्वरित प्रभाव से कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा देते हैं। साथ ही लिखा, "मेरा मानना है कि कॉन्ग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर की जनता की भावनाओं और आकांक्षाओं को समझने में असफल रही है।"

जम्मू कश्मीर में कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिवंगत महाराजा हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उनका रुख राष्ट्रीय हितों को प्रतिबिंबित करता है, लेकिन ये कॉन्ग्रेस पार्टी के स्टैंड से मेल नहीं खाता। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी जमीनी वास्तविकता से काफी दूर है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखा अपना इस्तीफे वाले पत्र को सार्वजनिक भी किया। वो 2019 का चुनाव उधमपुर ईस्ट से केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से हार गए थे।

पत्र में उन्होंने लिखा है कि वो त्वरित प्रभाव से कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा देते हैं। साथ ही लिखा, “मेरा मानना है कि कॉन्ग्रेस पार्टी जम्मू कश्मीर की जनता की भावनाओं और आकांक्षाओं को समझने में असफल रही है।” विक्रमादित्य सिंह ने 2018 में कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया था। सिंह ने कहा कि उन्होंने उसके बाद जम्मू कश्मीर से जुड़े कई मुद्दों पर राष्ट्रहित का साथ दिया, जो कॉन्ग्रेस पार्टी के रुख से एकदम अलग था।

उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक, जम्मू कश्मीर में ‘विलेज डिफेंस कमिटीज’ के पुनर्विकास, अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने जैसे मुद्दों पर उनका रुख कॉन्ग्रेस के विरुद्ध रहा था और उन्होंने गुपकार गठबंधन की निंदा भी की थी। पूर्व विधान पार्षद ने कहा कि वो राष्ट्र हित को देखते हुए जम्मू कश्मीर की जनता की भावनाओं के हिसाब से अपना रुख तय करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत तेज़ी से बदल रहा है और अगर कोई पार्टी या उसका नेतृत्व इसके साथ तालमेल नहीं बिठाएगा तो वो गायब हो जाएगा। बता दें कि विक्रमादित्य सिंह के पिता कर्ण सिंह जम्मू कश्मीर के सदर-ए-रियासत रह चुके हैं। तीन बार ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU)’ के चांसलर रहे कर्ण सिंह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल, राज्यसभा सांसद और ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ के अध्यक्ष भी रहे हैं। वो कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओ में से एक हैं।

विक्रमादित्य सिंह की माँ यशो राज्य लक्ष्मी नेपाल के प्रधानमंत्री रहे मोहन शमशेर जंग बहादुर राणा की पत्नी हैं। वो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित ‘तारागढ़ पैलेस होटल’ के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं। ‘यूनिवर्सिटी ऑफ साउथर्न कैलिफोर्निया’ से अपनी शिक्षा पूरी करने वाले विक्रमादित्य सिंह की शादी 1987 में माधवराव सिंधिया की बेटी और वर्तमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बहन चित्रांगदा से हुई। 2017 में उनकी बेटी मृगांका की शादी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पोते से हुई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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