UP के लखीमपुर खीरी जिले में मस्तान मियाँ की मजार पर जमा भीड़ पर किसानों की लाखों रुपये मूल्य की फसल को रौंद डालने का आरोप लगा है। इस घटना की शिकायत स्थानीय किसान कमलचरणजीत सिंह ने पुलिस में की है। शिकायत में मजार कमेटी के सदस्यों, मौलानाओं के अलावा कई वाहनों के ड्राइवरों और मजार पर आई भीड़ को भी आरोपित किया गया है। घटना 20 मई 2022 (शुक्रवार) रात की बताई जा रही है।
किसान कमलचरणजीत सिंह की शिकायत के मुताबिक, “मैं कोतवाली क्षेत्र के गाँव सिसौना का निवासी हूँ। मैंने एक साल के लिए जायसवाल फॉर्म लीज पर खेती के लिए लिया है। मैंने यहाँ 16 एकड़ खेत में फसल उगा रखी है। 20 मई की रात मथना इलाके में मौजूद मस्तान मियाँ की मज़ार पर मजार कमेटी के लोगों और मौलानाओं ने बिना प्रशासन की इजाजत के बड़े मेले का आयोजन कर दिया। इस मेले की पहले कोई योजना भी नहीं थी। मेरे में लाखों की भीड़ हुई जिसमें हजारों लोग अराजक किस्म के भी शामिल थे।’
कमलचरणजीत ने आगे लिखा, “भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने मेरे खेतों के चारों तरफ लगी बाड़ को तोड़ डाला। इसके खेतों में खड़ी फसल को रौंदते हुए बाइकों और अन्य वाहन निकाले गए। इस दौरान मेरी 3 एकड़ में लगी गन्ने की फसल बर्बाद हो गई। इस से मेरा लगभग ढाई लाख रुपए का नुकसान हुआ है। मैंने अपने नौकर के साथ मिल कर फसलों को रौंदने का विरोध किया तब हमारे साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई। मेरे साथ मेरे पड़ोसियों की फसलों को भी मज़ार पर जमा भीड़ द्वारा रौंदा गया है। हमारे फसल लगी खेतों में ही कई लोगों ने अपनी गाड़ियों को पार्किंग के रूप में खड़ा कर दिया गया।”
अपनी शिकायत के साथ किसान कमलचरणजीत सिंह ने लगभग 19 वाहनों के नंबर प्लेट की फोटों खींची है। वो वाहन भी FIR में दर्ज हुए हैं। पीड़ित किसान ने न सिर्फ मस्तान मजार के कमेटी सदस्यों और मौलानाओं पर कार्रवाई की माँग की है बल्कि अपने नुकसान के लिए खुद और पड़ोसी किसानों के लिए मुआवजे की भी माँग की है।
पीड़ित किसान की शिकायत पर पुलिस ने मजार कमेटी के सदस्यों के साथ वहाँ जुटी अज्ञात भीड़ और वाहनों पर भी केस दर्ज कर लिया है। कोतवाली सदर पुलिस ने इस FIR में IPC की धारा 147, 323, 427 और 504 के तहत कार्रवाई की है। केस की जाँच सब इंस्पेक्टर यशवीर सिंह को सौंपी गई गई। ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़ित किसान ने बताया, “हमारा काफी नुकसान हुआ। हमने सालाना ठेके पर वो खेत लिए थे। हम कल भी कोतवाली गए थे। अभी तक इस केस में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंस्पेक्टर क्राइम संजय कुमार ने बताया कि मेले की इजाजत प्रशासन से नहीं ली गई है। किसान की फसल के नुकसान और अन्य मामलों की जाँच जारी है।
लखीमपुर खीरी पुलिस ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मजार पर मेले का आयोजन किया गया था। इस वर्ष मजार पर जो श्रद्धालु आए थे उनके कारण आस-पास की कुछ फसल नष्ट हो गई। जिस संबंध में कोo सदर पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत करके आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।”