Monday, May 20, 2024
Homeराजनीति'जहाँ ज्यादा सम्मान मिलेगा, वहाँ चले जाइए': अखिलेश यादव ने चाचा और राजभर को...

‘जहाँ ज्यादा सम्मान मिलेगा, वहाँ चले जाइए’: अखिलेश यादव ने चाचा और राजभर को दिखाया बाहर का रास्ता, बोले सुभासपा अध्यक्ष – तलाक कबूल

सुभासपा अध्यक्ष ने अखिलेश पर ये भी आरोप लगाया कि सपा अध्यक्ष हमेशा एसी में रहते हैं और उन्हें दलितों-पिछड़ों की लड़ाई धरातल पर कैसे लड़ी जा रही है, इसका पता तक नहीं हैं।

समाजवादी पार्टी ने आज (23 जुलाई 2022) शिवपाल सिंह यादव और ओम प्रकाश राजभर के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए इन्हें खुला पत्र जारी किया। पत्र में कहा गया कि अगर इन दोनों नेताओं को लगता है कि इन्हें कहीं और किसी अन्य पार्टी में ज्यादा सम्मान मिलेगा तो ये वहाँ पर जा सकते हैं।

सपा के पत्र में शिवपाल यादव को कहा गया, “माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहाँ जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।”

वहीं ओम प्रकाश राजभर को लिखे पत्र में कहा गया, “ओमप्रकाश राजभर जी, समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है। आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और लगातार भाजपा को मजबूत करते रहे हैं। अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहाँ जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।”

बता दें कि समाजवादी पार्टी के पत्र के बाद शिवपाल सिंह यादव और ओम प्रकाश राजभर ने अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता और अखिलेश यादव के चाचा ने इस पत्र की प्रतिक्रिया में कहा,

“मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद। राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है।”

वहीं सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उन्हें ये सियासी तलाक कबूल है। उनका अगला पड़ाव बसपा है। उन्होंने कहा, “अगर वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलते हैं तो ये सबको बुरा लगता है, लेकिन अगर अखिलेश मिलते हैं तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होती। सबकुछ 2024 के चुनावों में स्पष्ट हो जाएगा। चुनाव आने दीजिए। हम दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ेंगे और अपनी लड़ाई को जारी ही रखेंगे।”

उन्होंने ये भी कहा कि उनका गठबंधन समाजवादी पार्टी से ज्यादा समय नहीं चल सकता था। वह बताते हैं, “अख‍िलेश के साथ मैं दलितों, वंचितों और समाज में अतिपिछड़ों की लड़ाई लड़ने गया था लेकिन चुनाव में उन्‍होंने जैसा किया, जब पहले चरण का चुनाव हुआ तभी मैंने कहा कि अति पिछड़ों को टिकट दें। कश्‍यप, पाल, प्रजापति, नाई, गोंड, कुम्‍हार, कोहार, लोहार, धोबी, पासी, खटीक जैसी जातियों के नेताओं को टिकट दीजिए लेकिन हमारी बात उनको नहीं जमती थी।”

राजभर ने आरोप लगाया, “अखिलेश चाहते हैं कि मैं उनके सुर में सुर मिलाकर बात करूँ । लेकिन ओमप्रकाश राजभर किसी के सुर में सुर मिलाकर बोलने के लिए पार्टी नहीं बनाया है। हम जिनके लिए लड़ते हैं। उनके लिए बोलते रहते हैं। आज भी मैं कह रहा हूX। 2022 के चुनाव में हमने देखा कि सपा के पास कश्‍यप, राजभर जैसी जातियों को देने के लिए सीट नहीं है। इसलिए अखिलेश ने जो किया हम उसका स्वागत करते हैं।”

उन्होंने अखिलेश पर ये भी आरोप लगाया कि सपा अध्यक्ष हमेशा एसी में रहते हैं और उन्हें दलितों-पिछड़ों की लड़ाई धरातल पर कैसे लड़ी जा रही है, इसका पता तक नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि सपा के पत्र देखने के बाद भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्या ने अखिलेश यादव पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आप पिछड़े वर्ग के किसी भी नेता के बढ़ते कद को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। आप चाहते हैं, ओबीसी का कोई दूसरा बड़ा नेता न हो, आप पिछड़ों के विरोधी हैं। जब आप सीएम थे क्या आपने ओबीसी के किस नेता को डिप्टी सीएम बनाया। पिछड़ों का विश्वास नरेंद्र मोदी के साथ।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कनाडा, अमेरिका, अरब… AAP ने करोड़ों का लिया चंदा, लेकिन देने वालों की पहचान छिपा ली: ED का खुलासा, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने भी...

ED की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि AAP ने ₹7.08 करोड़ की विदेशी फंडिंग में गड़बड़ियाँ की हैं। इस रिपोर्ट को गृह मंत्रालय को भेजा गया है।

₹200 की चोरी पर 1 साल की जेल, 2 इंजीनियरों को कुचलने पर रईसजादे को बेल, कहा- हादसे पर लिखो लेख: यह न्याय है...

ऑपइंडिया से बात करते हुए अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पूछा कि पुलिस ने FIR में 304 की जगह कमजोर धारा 304A क्यों लगाई? उन्होंने कहा कि इस मामले में गलत संदेश गया है, अगर भीड़ ने न्याय व्यवस्था पर भरोसा करने की बजाए खुद हिंसा करना शुरू कर दिया तो ये ठीक नहीं होगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -