तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर 10 लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन अब इस सम्बन्ध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। बता दें कि बिहार में सत्ता-परिवर्तन तो हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने रहेंगे। उन्होंने अब भाजपा को किनारे लगा कर फिर से राजद के साथ हाथ मिला लिया है। तेजस्वी यादव इस सरकार में उप-मुख्यमंत्री होंगे। जाहिर है, जनता से किए वादे उन्हें याद दिलाए जाएँगे।
नीतीश कुमार के साथ गठबंधन का ऐलान करने के लिए जब तेजस्वी यादव मीडिया के सामने आए तो उनसे उनके 10 लाख नौकरियों के वादे से जुड़ा सवाल भी पूछा गया। इस पर राजद नेता ने कहा, “तारीख़ तो तय हो जाने दीजिए।” स्पष्ट है, उन्होंने गोलमोल जवाब देकर सवाल को टाल दिया। 164 विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपने के बाद नीतीश कुमार फिर से सरकार बनाएँगे। शपथग्रहण की तारीख़ फ़िलहाल तय नहीं की गई है।
2020 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बेरोजगारी के मुद्दे को भुनाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था, “पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। बिहार में 4 लाख 50 हज़ार रिक्तियाँ पहले से ही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हज़ार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है।” उन्होंने पूछा था कि नीतीश कुमार आँकड़ों की बात क्यों नहीं करते?
पहली कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 27, 2020
बिहार में 4 लाख 50 हज़ार रिक्तियाँ पहले से ही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हज़ार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है।
वहीं भाजपा ने नीतीश कुमार के फैसले को जनादेश के साथ विश्वासघात बताते हुए कहा है कि जदयू की कम सीटें होने के बावजूद भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री का पद दिया। पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जदयू तोड़ने के आरोप झूठे हैं। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि हम 74 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे उसके बावजूद भी प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था हमने उस वादे का पूर्णत: पालन किया था और नीतीश कुमार इस एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने ताज़ा घटनाक्रम को जनता के साथ धोखा करार दिया।