साल 2021 में गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर जब हिंसा हुई थी, उस समय प्रदर्शनकारियों के साथ वहाँ आम आदमी पार्टी नेता व वर्तमान में पंजाब के ट्रांस्पोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लड़ भी मौजूद थे।
Punjab Minister Laljit Singh Bhullar justified his presence with protesters during the Red Fort violence in 2021.
— IndiaToday (@IndiaToday) August 16, 2022
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ये खुलासा पिछले दिनों एक वीडियो से हुआ था। इस वीडियो को देखने के बाद कॉन्ग्रेस ने माँग की थी कि भुल्लड़ को पद से हटाया जाए। वहीं AAP नेता भुल्लड़ ने अब इस संबंध में सफाई देकर कहा है कि वह किसान आंदोलन के वक्त वहाँ एक किसान के बेटे की हैसियत से गए थे।
उन्होंने कहा, “देखों मैं किसान का बेटा हूँ। किसान आंदोलन के समय हर किसान और उसका बेटा दिल्ली गया था। मैंने कुछ गलत नहीं किया है।”
बता दें कि कॉन्ग्रेस के नेता सुखपाल खैहरा द्वारा भुल्लड़ की वीडियो साझा किए जाने पर भुल्लड़ ने सुखपाल पर भी निशाना साधा और कहा कि अब वो सफाई दें कि क्या वो अपने पिता की तरह खालिस्तानी समर्थक हैं क्या?
उन्होंने कहा, “सुखपाल खैहरा के पिता खालिस्तान माँग चुके हैं। उन्हें अपने पिता के बारे में लोगों को बताना चाहिए। पहले आप सफाई दो।”
Dear @ArvindKejriwal & @BhagwantMann ji plz clarify if your transport minister @Laljitbhullar is part of hoisting Kesri Nishan Sahib on Red Fort along with Deep Sidhu? If yes how does our Cm call them anti national & keep him minister in his cabinet? I am subject to correction ! pic.twitter.com/Zt3uaJFPsy
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) August 8, 2022
बता दें कि कुछ दिन पहले ही सुखपाल खैहरा ने लाल किले पर बनाई गई दीप सिद्धू की वीडियो को शेयर किया था। इस वीडियो में लालजीत सिंह साफ दिख रहे थे। ऐसे में खैहरा ने पूछा था,
“अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान कृपया बताएँ कि क्या आपने परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लड़ लाल किले पर केसरी निशान साहिब को फैलाने के दौरान दीप सिद्धू के साथ ही थे? अगर हाँ, तो मुख्यमंत्री उन्हें कैसे देश विरोधी कहेंगे और अपने मंत्रिमंडल में रखेंगे?”
याद दिला दें कि साल 2021 में दीप सिद्धू जैसे कई खालिस्तानी समर्थक, अपने झंडे के साथ लाल किले पहुँचे थे और वहाँ उन्होंने जमकर उत्पात मचाया था। वहीं 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। घटना के बाद कॉन्ग्रेस और भाजपा दोनों ही ने भुल्लड़ की मौजूदगी पर सवाल उठाए थे। भाजपा की माँग यह भी थी कि जो हिंसा केस में एफआईआर हुई है उनमें लालजीत सिंह भुल्लड़ का नाम भी शामिल किया जाए।