इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे में की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी। ये घटना 5 जनवरी, 2022 की है। तब राज्य में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार थी। इस मामले में गुरुवार (25 अगस्त, 2022) को सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आया है।
इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कमेटी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के आधार पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्याप्त सुरक्षा बल उपलब्ध होने के बाद भी फिरोजपुर एसएसपी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में असफल रहे।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री के दौरे के लिए 2 घण्टे पहले मिली सूचना के बाद भी फिरोजपुर एसएसपी द्वारा जरूरी कदम नहीं उठाए गए हैं। इसलिए पुलिस को वीवीआईपी सुरक्षा के लिए बेहतर ट्रेनिंग की आवश्यकता है।
CJI: After taking into account all this, some remedial measures have been suggested to strengthen the security of PM Modi. we will send the report to the Government so that steps are taken
— Bar & Bench (@barandbench) August 25, 2022
Counsel: please give us a redacted copy
CJI declines #PMModiSecurityBreach
इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि जाँच रिपोर्ट में पीएम मोदी की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय सुझाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट सरकार को यह रिपोर्ट भेजेगा, ताकि उचित कदम उठाए जा सकें।
इस पूरे मामले में, पंजाब भाजपा सचिव तजिंदर सिंह सरन ने कहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार ने अहंकार में भर कर पीएम मोदी की सुरक्षा प्रोटोकॉल का मजाक उड़ाया था। दोषी एसएसपी नहीं, बल्कि तत्कालीन साजिशकर्ता सीएम चन्नी हैं।
गौरतलब है कि यह पूरा मामला 5 जनवरी, 2022 का है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक में भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करनी थी। साथ ही पंजाब के ही फिरोजपुर में जनसभा को भी संबोधित करना था। इसके लिए पूरा रूट हेलीकॉप्टर द्वारा तय किया जाना था। लेकिन, मौसम खराब होने के कारण पीएम मोदी के काफिले को सड़क मार्ग से जाना पड़ा।
प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को हुसैनीवाला पहुँचने में 2 घण्टे का समय लगने वाला था। इसके लिए, पंजाब डीजीपी ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होने की पुष्टि भी की थी, जिसके बाद पीएम का काफिला फिरोजपुर के रास्ते हुसैनीवाला की ओर निकला था।
हालाँकि, इस रास्ते मे करीब 30 किलोमीटर पहले ही प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के काफिले को एक फ्लाई ओवर पर रोक लिया था। इस फ्लाईओवर पर ही पूरा काफिला 20 मिनट तक फंसा रहा। उनके इस काफिले में हुई रुकावट को सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक मानते हुए जाँच के आदेश दिए गए थे।