Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयमैं कश्मीर मुद्दे पर टीम इंडिया के साथ: US सांसद ने Pak के समर्थन...

मैं कश्मीर मुद्दे पर टीम इंडिया के साथ: US सांसद ने Pak के समर्थन में बोलने के लिए माँगी माफ़ी

"भारतीय-अमेरिकी मित्रों से मुलाकात के बाद मुझे यह अहसास हो गया है कि सचिव पोम्पिओ को वह पत्र लिखने के पहले भारतीय-अमेरिकियों से न मिल लेना एक गलती थी। मैं इसके लिए क्षमा चाहता हूँ। अगर मैं उनसे पत्र लिखने के पहले मिल लेता तो मैं अपनी चिंताओं को अलग तरीके से व्यक्त करता।"

कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी विदेश सचिव (भारतीय विदेश मंत्री के समकक्ष) माइक पोम्पिओ से हस्तक्षेप का अनुरोध करने के लिए पत्र लिखने के बाद अमेरिकी-भारतीय समुदाय के निशाने पर आए सांसद थॉमस ‘टॉम’ सुओज़्ज़ी ने माफ़ी माँगी है। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर विदेश मंत्रालय से पहले अपने भारतीय-अमेरिकी दोस्तों से सलाह-मशविरा न करना उनकी भूल थी।

9 अगस्त को लिखे अपने पत्र में अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ़ रेप्रेज़ेंटेटिव्स के सदस्य सुओज़्ज़ी ने लिखा था कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की कार्रवाई (राज्य को विशेष दर्जे का खात्मा, और पूर्ण राज्य से केंद्र-शासित प्रदेश में तब्दीली) ने कश्मीर में तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे वे (सुओज़्ज़ी) चिंतित हैं। उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान मुद्दे के साथ भी कश्मीर का घाल-मेल करने की कोशिश की थी। “(पाकिस्तानी) प्रधानमंत्री इमरान खान के हालिया अमेरिकी दौरे ने दिखा दिया कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान सरहद पर हमारे दोनों देश (अमेरिका-पाकिस्तान) आतंक-विरोध और अन्य सुरक्षा मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं। भारतीय सरकार की जम्मू-कश्मीर में की गई हालिया हरकतों के चलते हमें इन इलाकों पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है।” और मज़े की बात यह है कि खुद तालिबान ने पाकिस्तान से दो-टूक कह दिया है कि कश्मीर मुद्दे को वह अफगानिस्तान से जोड़ कर नहीं देखता। लगभग यही बात अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई भी कह चुके थे।

सुओज़्ज़ी यहीं नहीं रुके थे। अपने पत्र में उन्होंने इमरान खान की तरह भारत को आतंकी हमलों की धमकी देने वाली भाषा का भी इस्तेमाल किया था। “राज्य की स्वायत्ता और कश्मीरियों के अधिकारों पर यह नई पाबंदियाँ उग्रवादियों और दहशतगर्दों को भी उकसा सकतीं हैं।”

भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने लिया आड़े हाथों

न्यू यॉर्क के डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद सुओज़्ज़ी ने यह पत्र मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कुछ पाकिस्तानी-अमेरिकियों से मिलने के बाद लिखा था। लेकिन करीब 100 भारतीय-अमेरिकियों से मिलने के बाद उन्होंने 12 अगस्त (स्थानीय समय) को एक कथन प्रेस में जारी कर उस पत्र में लिखी लगभग सभी बातों को खुद ही ख़ारिज कर दिया।

“भारतीय-अमेरिकी मित्रों से मुलाकात के बाद मुझे यह अहसास हो गया है कि सचिव पोम्पिओ को वह पत्र लिखने के पहले भारतीय-अमेरिकियों से न मिल लेना एक गलती थी। मैं इसके लिए क्षमा चाहता हूँ। अगर मैं उनसे पत्र लिखने के पहले मिल लेता तो मैं अपनी चिंताओं को अलग तरीके से व्यक्त करता।”

सुओज़्ज़ी ने कहा कि वह हमेशा से भारत के समर्थक रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत-अमेरिका साझेदारी को वह आने वाले कम-से-कम 50 साल तक अमेरिका की सबसे महत्वपूर्ण साझेदारियों में से एक मानते हैं, और इसे आगे बढ़ाने के लिए वह संसद में प्रयास करते रहेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वालों को मिली जमानत, कॉन्ग्रेसी CM रेवंत रेड्डी के साथ तस्वीरें वायरल: तोड़फोड़ के बाद ‘पुष्पा 2’...

बीआरएस नेता ने दावा किया है कि आरोपितों में से एक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का आदमी था। वहीं कॉन्ग्रेस नेता ने इन आरोपों पर कोई बयान नहीं दिया है।

इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली को रोका, मुगल हो या अंग्रेज सबसे लड़े: जूनागढ़ के निजाम ने जहर देकर हिंदू संन्यासियों को मारा, जो...

जूना अखाड़े के संन्यासियों ने इस्लामी लुटेरे अहमद शाह अब्दाली और जूनागढ़ के निजाम को धूल चटाया और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।
- विज्ञापन -