महाराष्ट्र (Maharashtra) की एकनाथ शिंदे की सरकार (Eknath Shinde Government) ने राज्य में ‘हेलो’ की जगह कर्मचारियों को ‘वंदे मातरम’ कहने का सरकारी संकल्प (Government Resolution) जारी किया है। इससे पहले अगस्त में राज्य के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी कर्मचारियों को फोन कॉल पर ‘हेलो’ के बजाय ‘वंदे मातरम’ बोलने के लिए कहा था।
सरकार के इस आदेश के बाद अब सरकारी कर्मचारी और अधिकारी मोबाइल या लैंड लाइन पर फोन करते या रिसीव करते वक्त सामने वाले व्यक्ति को हेलो की जगह वंदे मातरम से संबोधित करेंगे। इसके साथ ही मिलने वालों भी इसी शब्द से संबोधन करेंगे।
इससे संबंधित सर्कुलर महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा जारी किया गया है। सर्कुलर का यह आदेश सरकारी, अर्ध-सरकारी, स्थानीय नागरिक निकायों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों और अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू होता है।
राज्य सरकार के जीआर में कहा गया है कि अधिकारी मिलने आने वाले लोगों से भी वंदे मातरम कहकर अभिवादन करेंगे। इसके लिए जागरूकता पैदा करने की भी बात कही गई है। जीआर में ‘हेलो’ को पश्चिमी संस्कृति की नकल बताया गया है और कहा गया है कि यह ‘बिना किसी विशिष्ट अर्थ का अभिवादन है और इससे कोई स्नेह नहीं दिखता।’
सर्कुलर में आगे कहा गया है, “भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राज्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। उसी को चिह्नित करने के लिए माननीय मंत्री (सांस्कृतिक मामलों) ने सभी से आगंतुकों या साथी अधिकारियों के साथ बैठक शुरू करने की अपील की है और सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को ‘हेलो’ के बजाय ‘वंदे मातरम’ की बधाई दी जाती है।”
बता दें राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार बदलने के तुरंत बाद एकनाथ शिंदे की सरकार बनी थी। इस सरकार के शपथ ग्रहण के बाद महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह प्रस्ताव पेश किया था। हालाँकि बाद में उन्होंने कहा था कि इसकी जगह पर राष्ट्रवाद को दर्शाने वाले किसी भी शब्द का प्रयोग किया जा सकता है।
सरकार के इस आदेश का समाजवादी पार्टी और AIMIM ने निंदा की है। सपा ने कहा कि यह भाजपा द्वारा लोगों को विभाजित करने का एक और प्रयास है। सपा ने सीएम एकनाथ शिंदे पर भाजपा के दबाव में आने का आरोप लगाया गया है। सपा नेता अबू आज़मी ने कहा कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे फोन पर जवाब देते समय हमेशा ‘जय महाराष्ट्र’ कहते थे, न कि ‘वंदे मातरम’।
वहीं, AIMIM के नेता वारिस पठान ने कहा, “बीजेपी के पास मुद्दे नहीं बचे हैं। वे कभी शहर के नाम बदलने की बात करते हैं तो कभी कुछ। इनसे महंगाई, बेरोजगारी पर सवाल पूछ दो तो चीते से भी तेज भाग जाते है। वंदे मातरम बोल दिया तो क्या बेरोजगारी कम हो जाएगी, महंगाई कम हो जाएगी। इनका काम ध्यान भटकाना है।”