ऑल्टन्यूज (Alt News) के सह-संस्थापक और कथित फैक्टचेकर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) की अपने खिलाफ दर्ज FIR निरस्त करने से जुड़ी याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने विरोध किया है। आयोग की तरफ से उच्च न्यायालय को बताया गया कि मोहम्मद जुबैर ने अभी तक नाबालिग लड़की के खिलाफ किया वह ट्वीट डिलीट नहीं किया है। आयोग ने यह भी बताया कि जुबैर ने संबंधित अधिकारियों को नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने वाले यूजर्स के बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी है। दिल्ली हाईकोर्ट में यह सुनवाई सोमवार (10 अक्टूबर 2022) को हुई।
लाइव बीट के मुताबिक राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने हाईकोर्ट में इसे एक गंभीर मुद्दा बताया। आयोग के मुताबिक दिल्ली पुलिस का स्पष्ट तौर पर कहना है कि जुबैर जाँच में सहयोग करने के बजाए मामले को भटकाने का प्रयास कर रहा है। आयोग द्वारा बताया गया है कि जुबैर की मंशा सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की भी है। यह सुनवाई मोहम्मद जुबैर पर दर्ज पॉक्सो एक्ट की FIR के मामले में हो रही थी।
Information in status report by Delhi Police clearly shows Zubair trying to evade investigation & not cooperating, his Mala fide intention to conceal facts evident: @NCPCR_ opposes plea of Md. Zubair for quashing FIR in Minor’s sexual harassment POCSO case
— LawBeat (@LawBeatInd) October 10, 2022
दिल्ली उच्च न्यायालय में बाल संरक्षण आयोग ने जुबैर की करतूत के बारे में बताया। आयोग ने कहा कि जुबैर द्वारा एक नाबालिग लड़की की फोटो को रीट्वीट किया गया जिससे उसकी पहचान उजागर हो गई। इसी जवाब में दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया गया है कि इसके चलते नाबालिग लड़की ऑनलाइन यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थी।
Submission of Delhi Police before Delhi High Court that no cognisable offence is made out against Md. Zubair indicates its “casual attitude”; retweeting of photo of minor girl contributed to disclosure of identity due to which she was exposed to sexual harassment online: @NCPCR_
— LawBeat (@LawBeatInd) October 10, 2022
गौरतलब है कि फैक्टचेकिंग के नाम पर लोगों की निजी और गोपनीय जानकारियाँ सार्वजानिक करने के लिए ऑल्टन्यूज कुख्यात है। मोहम्मद जुबैर ने 7 अगस्त 2020 को एक ट्विटर यूजर को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करने के लिए नाबालिग बच्ची की तस्वीर सार्वजानिक कर दी थी। यह बच्ची उस यूजर की पोती थी और उसे जुबैर के ट्वीट के बाद रेप की धमकियाँ मिली थी। इस केस में जुबैर पर IPC की धारा 509बी, आईटी धारा 67 के साथ पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज हुई थी। इस FIR में ट्विटर एकाउंट्स @de_real_mak और @syedsarwar के भी नाम हैं, जिन्होंने बच्ची के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।
यह FIR राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की शिकायत पर दर्ज हुई थी। इसी FIR पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 सितंबर 2020 को मोहम्मद जुबैर को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी।