Sunday, December 22, 2024
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पाँव में लगी गोली, 6 बार सर्जरी, 6 महीने रहीं बेड पर: 10 साल की उम्र में जिस लड़की ने कोर्ट में की थी कसाब की पहचान, उससे मिले UN महासचिव

"मैंने UN महासचिव से कहा कि मैं छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर घायल हो गई थी और अदालत में अजमल कसाब की पहचान की थी। मैंने उनसे यह भी कहा कि मैं पढ़ना चाहती हूँ और एक अधिकारी बनना चाहती हूँ।"

मुंबई में हुए 26/11 आतंकवादी हमले (Mumbai Terror Attack) की सर्वाइवर और प्रत्यक्षदर्शी देविका रोतावन (Devika Rotawan) ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) से मुलाकात की। गुटेरेस तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा (18-20 अक्टूबर) पर भारत पहुँचे हैं। उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत मुंबई से की है। देविका ने हमले के दौरान जिंदा पकड़े गए आतंकी आमिर अजमल कसाब की पहचान की थी।

देविका ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मैंने उनसे (गुटेरेस) से कहा कि मैं छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर घायल हो गई थी और अदालत में अजमल कसाब की पहचान की थी। मैंने उनसे यह भी कहा कि मैं पढ़ना चाहती हूँ और एक अधिकारी बनना चाहती हूँ। आतंकवाद को खत्म करना चाहती हूँ।”

रोतावन 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ गवाही देने वाली सबसे कम उम्र की गवाह थी। मुंबई हमलों के दौरान रोतावन महज दस साल थी और वे पुणे जाने के लिए अपने पिता और भाई के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पहुँची थीं।

26/11 की भयावह रात आतंकवादियों द्वारा चलाई गई गोली उसके पैर पर लगी थी। गोली लगने के बाद वह बेहोश हो गई और उसे सेंट जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया। हमले के बाद देविका के दो महीने के भीतर 6 सर्जिकल ऑपरेशन हुए और उसे 6 महीने बेड पर रहना पड़ा। जिसके बाद उसने आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ गवाही दी थी। वह मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में सबसे कम उम्र की गवाह बनी थी।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अपनी तीन दिवसीय यात्रा के पहले दिन मुंबई के होटल ताज पैलेस में 26/11 आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान गुटेरेस ने कहा कि आतंकवाद एक पूर्ण बुराई है। उन्होंने कहा कि कोई कारण, बहाना, शिकायतें आतंकवाद को सही नहीं ठहरा सकती। गुटेरेस बुधवार आधी रात (18 अक्टूबर, 2022) के बाद लंदन से एक व्यावसायिक उड़ान के जरिए मुंबई पहुँचे।

देविका रोतावन अगस्त 2020 में तब चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वजह ये थी कि ईडब्ल्यूएस स्कीम के तहत उन्हें मकान जिसे देने का वादा महाराष्ट्र सरकार ने किया था, जो उन्हें नहीं मिला। उन्होंने बताया था कि उनका पूरा परिवार भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है, लिहाजा उन्होंने घर के साथ-साथ कुछ ऐसा प्रबंध करने की गुहार लगाई थी, जिससे वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके।

हाँलाकि, देविका ने यह भी बताया था कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से 10 लाख की सहायता राशि मिली थी, जो उनके टीबी के इलाज में खर्च हो गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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