Sunday, December 22, 2024
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‘मैंने META वाली रिपोर्ट को नहीं दिया समर्थन’: द वायर के ‘फर्जीवाड़े’ पर बोले प्राइवेसी रिसर्चर, व्हॉट्सएप पर वायरल संदेश को झूठा बताया

आनंद ने कहा, "मैं व्हाट्सएप ग्रुुप में कुछ दावों को देख रहा हूँ कि मैंने मेटा पर देवेश के काम का समर्थन किया है। वे दावे फर्जी हैं, और मैंने केवल अधिक विवरण के लिए जोर दिया जैसे प्रणेश ने किया, जो संयोग से कभी सामने नहीं आया।”

‘मेटा वर्सेज द वायर’ मामला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब वी आनंद नाम के एक प्राइवेसी र‍िसर्चर ने 20 अक्टूबर को ट्विटर पर इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने मेटा विवाद में ‘द वायर’ के देवेश कुमार के काम का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप ऐसे दावों पर चर्चा कर रहे हैं।

आनंद ने कहा, “मैं व्हाट्सएप ग्रुुप में कुछ दावों को देख रहा हूँ कि मैंने मेटा पर देवेश के काम का समर्थन किया है। वे दावे फर्जी हैं, और मैंने केवल अधिक विवरण के लिए जोर दिया जैसे प्रणेश ने किया, जो संयोग से कभी सामने नहीं आया।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं वास्तव में लगातार धोखाधड़ी से थक गया हूँ । यह वास्तव में हतप्रभ करने वाला है कि ये सब अब स्पष्ट रूप से एक मृत कहानी पर विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए हो रहा है। इस बारे में सिद्धार्थ वरदराजन को सूचित कर दिया है ।”

यह संभव है कि उनके 18 अक्टूबर के ट्वीट की व्‍याख्‍या गलत तरीके से की गई, उनके ट्वीट से संभवतः यह अनुमान लगाया गया कि वायर की मेटा और बीजेपी के बारे में उनकी फर्जी रिपोर्ट के दावों का उन्‍होंने सम‍र्थन किया था। बाद में वेबसाइट ने इस स्‍टाेेरी को हटा लिया था। उन्होंने कहा था,” टेक रिपोर्टिंग की बात करें तो यह न्यूजरूम की दर्दनाक हकीकत। प्रोसेस फेलियर का पूरी तरह से ब्रेकडाउन। मैंने विवरणों की समीक्षा की है, और जितने चौंकाने वाले तथ्‍य हैं, वे सच हैं।”

एक बार फिर हम अनुमान ही लगा रहे हैं, क्योंकि इस समय, इस ‘मेटा बनाम द वायर’ विवाद में, सब कुछ बहुत ही बेतरतीब तरीके से है।

दरअसल आनंद एक रिसर्चर कनिष्क का हवाला दे रहे थे, जिसके बारे में द वायर ने दावा किया था कि उसने मेटा के संचार प्रमुख एंडी स्टोन के ईमेल को मान्य किया है। हालाँकि ट्विटर पर कनिष्क ने बयान दिया कि उनके नाम का ईमेल मनगढ़ंत था और उन्होंने कभी भी द वायर के लिए कुछ भी सत्यापित नहीं किया। इसके बाद द वायर ने एक बयान जारी किया कि वह रिपोर्ट को वापस ले रहा हैं और एक आंतरिक जाँच बिठा रहा है।

द वायर ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को मेटा से ताकतवर बता दिया था। हालाँकि द वायर ने अपनी साइट से इस स्‍टोरी को हटाने का निर्णय लिया। भारी फजीहत करवाने के बाद द वायर ने कहा कि वो अब मेटा के खिलाफ रिपोर्ट बनाने के लिए इस्तेमाल हुए हर दस्तावेज और हर सूत्र पर आंतरिक समीक्षा करने वाले हैं।

द वायर ने बयान जारी कर बताया कि उनकी मेटा कवरेज को लेकर जो सवाल उठे, उसके लिए वह एक आंतरिक समीक्षा करेंगे। इसमें दस्तावेजों, सूचनाओं, स्रोत सामग्री और स्रोतों की जाँच की जाएगी।

बता दें कि वामपंथी वेबसाइट ने अपनी ही स्टोरीज पर ऐसा एक्शन तब लिया जब डोमेन एक्सपर्ट्स और इंडिपेंडेंट रिसर्चर्स ने उनकी स्टोरी खारिज की। साथ ही बताया कि शायद इस स्टोरी को गढ़ने के लिए फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग हुआ। एक्सपर्ट्स के ऐसे दावे के बाद ही मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म से स्टोरी हटाई और आंतरिक समीक्षा की बात कहकर अप्रत्यक्ष रूप से मान लिया कि मेटा पर की गई उनकी स्टोरी कितनी गलत थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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