गोवा में आयोजित हुए 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) में जूरी बोर्ड के प्रमुख नादव लापिड (Nadav Lapid) कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को बताने वाली फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ पर विवादित टिप्पणी ‘प्रोपेगेंडा और अश्लील’ कहा है। उसकी इस बयान की हर तरफ आलोचना हो रही है। नादव लापिड का विवादों से पुराना नाता रहा है यहाँ तक कि उसने अपने देश इजरायल को ‘बीमार आत्मा’ करार दिया था।
दरअसल, नादव लैपिड वामपंथी विचारधारा ग्रसित इजरायली फिल्म निर्माता है। इसने अब तक कुल 13 फिल्में डायरेक्ट की हैं। नादव लैपिड को इजरायल से नफरत वाले व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। यहूदियों के एक मात्र देश और उसकी मातृभूमि को लेकर नादव लैपिड के विचार कितने अच्छे हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उसके विचारों में इजरायल के विरोधी देश फिलीस्तीन की तरफदारी नजर आती है।
एक इंटरव्यू में लैपिड ने अपनी फिल्म ‘सिनोनिम्स’ पर बात करते हुए इजरायल को लेकर कहा था, “फिल्म इजरायल की आत्मा के बारे में बात करती है। इजरायल की आत्मा एक बीमार आत्मा है। इजरायल के अस्तित्व के गहरे सार में कुछ गलत सा सड़ा हुआ है। यह गलत सिर्फ बेंजामिन नेतन्याहू (इजरायल के प्रधानमंत्री) नहीं है। बल्कि, मुझे लगता है कि इस इजरायली बीमारी या प्रकृति की विशेषता युवा इजरायली लोग हैं जो मस्कुलर बॉडी देखकर खुश होते हैं। लेकिन, न तो कोई सवाल नहीं उठाते हैं और न ही कोई संदेह नहीं करते। उन्हें सिर्फ इजरायली होने में गर्व होता है।”
एक अन्य इंटरव्यू में नादव लैपिड ने अपने देश इजरायल और वहाँ के लोगों के साथ अपने संबंधों के बारे में कहा था, “मुझे लगा कि इजरायल मेरे लिए असहनीय हो गया है। मेरी फिल्म सिनोनिम्स को इजरायल के प्रति बहुत आलोचनात्मक के रूप में प्रस्तुत किया गया है।”
उसने यह भी कहा था, “मैं हमेशा मानता था कि इजरायल की कहानी एक निश्चित राजनीतिक मुद्दे को लेकर नहीं है। बल्कि, यह सभी इजरायली लोगों की कहानी है। प्रोपेगैंडा सिस्टम के कारण, इजरायली पूरी तरह से अंधे हो सकते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि उनकी आँखें खोलने के लिए, उनके शरीर को हिलाना और उनके सिर पर मारना काफी नहीं है। इसके लिए और भी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इजरायल के लोग बड़ी ताकतों के खिलाफ लड़ रहे हैं।”
वामपंथी विचारधारा से ग्रसित नादव लैपिड (Nadav Lapid) उन 250 इजरायली फिल्म निर्माताओं के समूह में भी शामिल है, जिन्होंने शोमरोन (सामरिया/वेस्ट बैंक) फिल्म फंड के लॉन्च के विरोध करते हुए ‘खुले पत्र’ पर हस्ताक्षर किए थे। फिल्म निर्माताओं का मानना था कि इस फंड को बनाने का सिर्फ एक लक्ष्य था कि इजरायली फिल्म निर्माताओं को वित्तीय सहायता और पुरस्कार देकर उस कारोबार को सफेद कर सके।
शोमरोन फिल्म फंड का आधिकारिक लक्ष्य वेस्ट बैंक (यहूदिया और सामरिया) में रहने वाले यहूदियों को अनुदान देना था। साथ ही वेस्ट बैंक में इजरायली नागरिकों द्वारा बनाई गई फिल्मों के प्रोडक्शन को अनुदान देना था। ऐसे में नादव लापिड और उसके सहयोगियों के मानना था कि यह फंड फिलिस्तिनियों के शोषण के लिए बनाया गया है। बता दें कि वेस्ट बैंक को लेकर इजरायल और फिलस्तीन के बीच लंबे वक्त से विवाद चलता आ रहा है।