एमसीडी चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी इतिहास रचती दिख रही है। कड़े मुकाबले में आम आदमी पार्टी एमसीडी की सत्ता हासिल कर रही है। दिल्ली में मुस्लिमों की आबादी 13 प्रतिशत है और कई सीटों पर मुस्लिम जीत-हार का फैसला करने की ताकत रखते हैं। ऐसे में सभी सियासी पार्टियों ने मुस्लिम उम्मीदवारों पर दाँव लगाया। कॉन्ग्रेस ने सबसे अधिक 24 उम्मीदवारों को टिकट देकर मैदान में उतारा तो वहीं, आम आदमी पार्टी ने 7 और बीजेपी ने 4 मुस्लिम चेहरों पर भरोसा दिखाया।
सवाल यह है कि मुस्लिमों ने दिल्ली के चुनावों में किस पार्टी का साथ दिया? एमसीडी चुनाव के परिणामों पर अगर नजर डालें तो स्पष्ट है कि मुस्लिमों का आम आदमी पार्टी से मोह भंग हुआ है। शाहीन बाग जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में आम आदमी पार्टी को नाकामी हाथ लगी है। अबुल फजल एन्क्लेव (शाहीन बाग) से कॉन्ग्रेस की अरीबा खान ने जीत दर्ज की है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के मौजूदा उम्मीदवार वाजिद खान को हरा दिया है। जाकिर नगर वार्ड से कॉन्ग्रेस की नाजिया दानिश ने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार सलमा खान को शिकस्त दे दिया।
भाजपा ने इन दोनों सीटों पर हिंदू उम्मीदवार खड़े किए थे। सीलमपुर वार्ड नंबर 225 जो आम आदमी पार्टी का गढ़ माना जाता है, वहाँ से निर्दलीय उम्मीदवार शकिला बेगम ने जीत हासिल की है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने नसीम बानो को टिकट दिया था। आपको बता दें सीलमपुर (वार्ड नंबर 225) ही दिल्ली के दंगों की शुरुआत का पहला प्वाइंट था।
एमसीडी चुनाव में भाजपा ने पसमांदा कार्ड खेलते हुए 4 पसमांदा मुस्लिमों को उम्मीदवार बनाया था। एमसीडी चुनाव में बीजेपी का कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार जीतता नजर नहीं आ रहा। बीजेपी ने चांदनी महल वार्ड नंबर 76 से पसमांदा मुस्लिम इरफान मलिक को टिकट दिया था। इस सीट पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल जीत रहे हैं। भाजपा ने सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र के चौहान बांगर वार्ड संख्या 227 से सबा गाजी को मैदान में उतारा था। उन्हें कॉन्ग्रेस की शगुफ्ता चौधरी ने पराजित कर दिया।
आम आदमी पार्टी ने यहाँ से आसमा रहमान को टिकट दिया था। बीजेपी ने बल्लीमारान विधानसभा सीट के तहत आने वाले कुरैश नगर वार्ड से पसमांदा मुस्लिम शमीना राजा पर भरोसा दिखाया था। लेकिन इस सीट पर आखिरी इनपुट मिलने तक आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार शमीम बानो आगे चल रही थीं। मुस्तफाबाद वार्ड संख्या 243 से भी बीजेपी उम्मीदवार शबनम मलिक पीछे चल रही हैं। इस सीट पर कॉन्ग्रेस की उम्मीदवार सबीला बेगम आगे चल रही हैं। आम आदमी पार्टी ने यहाँ नसरीन अख्तर पर भरोसा जताया था।
कुल मिला कर देखें तो 21 मुस्लिम बहुल इलाकों में से 11 पर AAP, 5 पर कॉन्ग्रेस और 3 पर भाजपा को जीत मिली है।