उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में क़ानून की पढ़ाई करने वाली एक छात्रा की तरफ से बीजेपी नेता और पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस मामले में सोमवार (2 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया है कि वे लॉ स्टूडेंट की तरफ से पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री के ऊपर लगाए गए आरोपों की जाँच के लिए विशेष जाँच समिति (SIT) का गठन करें।
Shahjahanpur law student case: Supreme Court directs Uttar Pradesh government to constitute a Special Investigation Team (SIT) into the apprehension and allegation made by the student against BJP leader and former minister Swami Chinmayanand. pic.twitter.com/9YE9RejfMu
— ANI (@ANI) September 2, 2019
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा है कि छात्रा की तरफ से शिक़ायत की जाँच की वह मॉनिटरिंग करे। इसके अलावा, कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वे अगले आदेश तक लड़की और लड़की के परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराए।
Shahjahanpur law student case:Allahabad High Court to constitute a bench to monitor the investigation. SC directs UP govt to transfer her to a different college so she can pursue her course. SC clarifies it’s not expressing any opinion on correctness of grievances&apprehensions https://t.co/eig1tiNYo5
— ANI (@ANI) September 2, 2019
ग़ौरतलब है कि शाहजहाँपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय से एलएलएम कर रही छात्रा ने 24 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो में उसने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर कई लड़कियों की ज़िदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था एवं उनसे ख़ुद को और अपने परिवार को जान का ख़तरा बताया था।
इसके बाद चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ अपहरण और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया गया था। चिन्मयानंद महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं। हालाँकि, 72 वर्षीय स्वामी चिन्मयानंद ने दावा किया था कि उनकी छवि ख़राब करने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है।