अफगानिस्तान में तालिबान ने एक नया नियम लागू करते हुए गर्भ निरोधक दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। तालिबान ने इसे मुस्लिमों की आबादी रोकने की साजिश करार दिया है। गर्भ निरोधक दवाओं को बेचने वाले दुकानदारों ने खुद को बंदूकें दिखा कर धमकाने का भी आरोप लगाया है। इन सभी के अलावा दाईयों को भी किसी भी प्रकार के गर्भनिरोधक दवाओं की सलाह न देने की सख्त हिदायत मिली है।
मीडिया रिपोर्ट्स में तालिबान लड़ाकों द्वारा धमकाए गए कुछ लोगों के बयानों का जिक्र हुआ है। काबुल के एक मेडिकल स्टोर मालिक के मुताबिक उनकी दुकान में कुछ बंदूकधारी पहुँच कर गर्भनिरोधक दवाओं को न बेचने की धमकी दे कर वापस लौट गए। दुकानदार का कहना है कि तालिबानी लड़ाके काबुल की हर दुकान को चेक भी कर रहे है। वहीं एक बुजुर्ग दाई ने खुद को तालिबान कमांडर द्वारा धमकी मिलने का आरोप लगाते हुए बताया कि उन पर पश्चिमी सभ्यता के प्रचार का आरोप लगाते हुए कहीं बाहर आने और जाने पर पाबन्दी लगा दी गई है।
फ़िलहाल तालिबान का यह फरमान सिर्फ काबुल ही नहीं बल्कि मजार-ए-शरीफ जैसे अन्य शहरों में भी लागू है। बताया जा रहा है कि पश्चिम देशों की नकल न करने की चेतावनी देते हुए तालिबानी लड़ाके सड़कों पर गश्त भी कर रहे हैं। 17 साल की एक शादीशुदा व 18 माह के बच्चे की माँ ज़ैनब का जिक्र करते हुए बताया गया है कि वह चुपके से गर्भ निरोधक दवाएँ ले रही थी लेकिन अब उसकी दाई ने उसे ऐसा करने से रोक दिया है। ज़ैनब का कहना है कि वो इस फरमान से अपने भविष्य को ले कर बेहद फिक्रमंद है।
तालिबान के इस फैसले का अफगानी लोगों द्वारा ही विरोध किया जा रहा है। अफगानिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ती और वर्तमान में ब्रिटेन में मौजूद शबनम नसीमी ने तालिबान के इस फैसले को कुरान से जोड़ा है। उनका कहना है कि कुरान में कहीं भी गर्भ निरोधन पर रोक नहीं है इसलिए तालिबान का ये फैसला सही नहीं हैं।
I spoke to @JanjuaHaroon to discuss the Taliban’s recent ban on contraception in Afghanistan, claiming “their use by women is a western conspiracy.”
— Shabnam Nasimi (@NasimiShabnam) February 17, 2023
The Quran does not prohibit birth control. The Taliban have no right to ban contraception. https://t.co/HLwm07F1rc
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियाँ लगा दी गईं हैं। इन पाबंदियों में उनके कपड़े से ले कर पढ़ाई तक प्रभावित हुई है। इन फैसलों का विरोध करने वालों को तालिबान कड़ी सजा दे रहा है।