Tuesday, May 7, 2024
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लंदन के बाद अब अमेरिका में भारतीय दूतावास पर खालिस्तानियों का हमला: लोहे के रॉड लेकर पहुँची भीड़, ऑस्ट्रेलियाई संसद के बाहर भी प्रदर्शन

'फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS)' ने अपने बयान में कहा है कि लंदन और SFO में कानून व्यवस्था के पूर्ण रूप से विफल होने के कारण वे हैरान हैं।

ब्रिटेन के लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाद बाद अब खालिस्तानियों ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिया दूतावास पर हमला कर दिया है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया के संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। बता दें कि पंजाब में अलगाववादी अमृतपाल सिंह पर पुलिस की कार्रवाई के कारण दुनिया भर में सिख कट्टरपंथी नाराज़ हैं। भारत सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जबकि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब सरकार ये कार्रवाई कर रही है।

सैन फ्रांसिस्को स्थित इंडियन कॉन्सुलेट पर हमले की कई भारतीय-अमेरिकियों ने निंदा की है। ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS)’ ने अपने बयान में कहा है कि लंदन और SFO में कानून व्यवस्था के पूर्ण रूप से विफल होने के कारण वे हैरान हैं। संगठन ने कट्टरपंथियों द्वारा भारतीय मिशन को निशाना बनाए जाने की निंदा की। सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तानी नारों के साथ भीड़ ने सिक्योरिटी बैरियर को भी तोड़ डाला।

ये बैरियर सिटी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाए थे। इतना ही नहीं, भारतीय वाणिज्य दूतावास के परिसर के भीतर खालिस्तानी झंडे भी लगा दिए गए। हालाँकि, कर्मचारियों ने तुरंत ही इन झंडों को हटा दिया। इसके कुछ देर बाद ही कट्टरपंथियों की भीड़ लौटी और खिड़की-दरवाजे पर लोहे की रॉड से हमला किया जाने लगा। भारतीय समाज के नेता अजय भूतोड़िया ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये न सिर्फ भारत-अमेरिका के संबंधों पर खतरा है, बल्कि समाज की शांति और समरसता के लिए भी ठीक नहीं है।

उन्होंने स्थानीय प्रशासन से त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की माँग की। FIIDS ने इन घटनाओं को ‘वियना कन्वेंशन’ के अंतर्गत दूतावासों और अन्य कूटनीतिक दफ्तरों की सुरक्षा सम्बंधित करार का उल्लंघन बताया। संस्था ने भारतीय समाज, खासकर सिखों से इसके खिलाफ खड़े होने की अपील की है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में भी खालिस्तानी समर्थक जुटे और संसद के बाहर अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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