Tuesday, November 26, 2024
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पिछले 1 महीने में सुरक्षाबलों ने एक भी गोली नहीं चलाई: कश्मीर पर फेक न्यूज़ फैलाने पर पाकिस्तान को फटकार

5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर पर लिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद ट्विटर और फेसबुक जैसी विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइटों पर फर्जी खबरों और अफवाहों की बाढ़ सी आ गई।

जम्मू-कश्मीर राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार फारूक खान ने पाकिस्तान पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने में प्रशासन सफल रहा है। पिछले एक महीने से अधिक समय से सुरक्षा बलों की ओर से एक भी गोली नहीं चलाई गई है। कश्मीर में लोगों की जान की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। धीरे-धीरे घाटी में सामान्य स्थिति लौट रही है।

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एक महीने से अधिक समय बीत गया, लेकिन सुरक्षा बलों तथा पुलिस की ओर से कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए एक भी गोली नहीं चलाई गई। यह बड़ी बात है। यह सच्चाई है। उन्होंने कश्मीरियों से अपील की है कि पाकिस्तानी दुष्प्रचार से वो किसी भी प्रकार के उकसावे में न आए।

पूर्व आईएएस ऑफिसर ने कहा कि केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी दुष्प्रचार को नाकाम कर दिया, जिसकी वजह से झूठ के सहारे कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का पाकिस्तान का प्रयास नाकाम हो गया। उन्होंने कहा कि घाटी में कारोबारी तथा व्यापारिक गतिविधियाँ जल्द ही बहाल हो जाएँगी। कश्मीर के हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। आप जल्द देखेंगे कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं तथा कारोबारी गतिविधियाँ भी सामान्य हो जाएँगी। सोपोर में एक परिवार पर आतंकी हमले को उन्होंने हताशा में की गई कार्रवाई बताया, जिसमें ढाई साल का बच्चा घायल हो गया था।

इसके अलावा, फारूक खान ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित सभी फर्जी खबरों को खारिज कर दिया, जो पाकिस्तानी प्रचार चैनलों, पाकिस्तानी अधिकारियों और भारतीय मीडिया के भीतर पाकिस्तान के लिए सहानुभूति रखने वाले कुछ समर्थकों द्वारा फैलाए जा रहे हैं।

5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर पर लिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद ट्विटर और फेसबुक जैसी विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइटों पर फर्जी खबरों और अफवाहों की बाढ़ सी आ गई। इसी वजह से पिछले महीने गृह मंत्रालय को इस तरह की फर्जी खबर फैलाने वाले तकरीबन 8 लाख अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहना पड़ा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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